अंतरिक्ष विज्ञानियों की एक टीम ने सुपरक्लस्टर सरस्वती नाम से आकाशगंगाओं के एक समूह की खोज की है। यह नजदीकी यूनिवर्स में मौजूद सबसे बड़े स्ट्रक्चर में से एक है। पुणे स्थित इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च और दो अन्य भारतीय यूनिवर्सिटी के सदस्यों ने विशालकाय आकाशगंगा के मौजूद होने की बात कही है।
यह खोज अमरीकन एस्टोनॉमिकल सोसायटी के प्रीमियर रिसर्च जर्नल, 'द एस्ट्रोफिज़िकल जर्नल' के ताजा अंक में प्रकाशित की जाएगी। यह आकाशगंगा धरती से 400 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है और क़रीब 10 अरब वर्ष से ज़्यादा पुरानी है। एक सुपरक्लस्टर में 40 से 43 क्लस्टर शामिल होते हैं, जिसके एक क्लस्टर में लगभग 1000 से 10,000 गैलेक्सी होती हैं। इनका आकार अरबों सूर्यों के बराबर होता है।
इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स के जॉयदीप बागची रिसर्च पेपर के मुख्य लेखक हैं, उनके साथी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के स्कॉलर शिशिर संख्यायन ने बताया, 'हम विशालकाय दीवार जैसी आकाशगंगाओं को देखकर हैरान रह गए। इसके पहले कुछ ही बड़े सुपरक्लस्टर्स को देखा गया था लेकिन सरस्वती का आकार काफी बड़ा है।'