तो क्या एलआई में लोगों का पैसा डूब रहा है?
ये सही है कि बही खाते की इस बिगड़ी सेहत का असर कंपनी पर ज़रूर दिखेगा और अगर ये एनपीए न होते तो बहीखाते में मुनाफ़े का आंकड़ा बढ़ा हुआ नज़र आता। आसिफ़ इक़बाल कहते हैं, "सीधे तौर पर तो एलआईसी के ग्राहकों को डरने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन कहीं न कहीं उनके वित्तीय हितों पर असर तो होगा ही।"