एक भारतीय की भविष्यवाणी ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। बाबू कलायिल नाम के एक व्यक्ति ने भविष्यवाणी की है कि दिसंबर में हिंद महासागर में भूकंप और सूनामी आएगी। इस व्यक्ति का दावा है कि उसने अपनी छठी इंद्री की मदद से यह पता लगाया है और इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा है। हालांकि भारत में तो उनकी इस भविष्यवाणी का ज़्यादा असर देखने को नहीं मिला लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने ज़रूर इसे गंभीरता से लिया है।
पीएम मोदी को लिखा ख़त
पीएम मोदी के नाम लिखे अपने ख़त में बाबू ने दावा किया गया है कि वह अपनी अद्भुत छठी इंद्री से बता सकते हैं कि इस साल के खत्म होने से पहले हिंद महासागर में एक भूकंप आएगा, जिससे सूनामी पैदा होगी। इस सूनामी की चपेट में भारत, पाकिस्तान समेत सात देश होंगे।
इस ख़त ने पाकिस्तान में सरकारी संस्थानों को इस साल दिसंबर में संभावित भूकंप और सूनामी के प्रभाव से बचने की तैयारियों के लिए मजबूर कर दिया है। बाबू ने अपनी इस भविष्यवाणी की कोई वैज्ञानिक वजह नहीं बताई है क्योंकि दुनिया में अभी तक ऐसी कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है जिससे किसी भूकंप का पहले ही पता चल जाए।
आईएसआई ने जताई चिंता
पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर भी इस ख़त की चर्चा हो रही है, बहुत से लोगों ने इस भविष्यवाणी के बाद जारी की गई सरकारी विज्ञप्ति पर हैरानी जताई है।
यह विज्ञप्ति एक तरह का आंतिरक संवाद है, जो देश में भूकंप से प्रभावित इलाकों के निर्माण और पुनर्विस्थापन की संस्था 'इरा' (Earthquake Reconstruction and Rehabilitation Authority) के प्रमुख की ओर से अपने कुछ मातहतों को भेजा गया था।
इरा को मिली इस विज्ञप्ति में लिखा गया था कि पाकिस्तान के आईएसआई ने हिंद महासागर में भूकंप की पूर्व चेतावनी के बाद उससे निपटने के लिए 6 नवंबर को एक बैठक बुलाई है। इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईएसआई ने भविष्य में हिंद महासागर में एक बड़े भूकंप के खतरों से आगाह करते हुए सरकारी संस्थानों को उससे निपटने की तैयारी करने का हुकुम दिया है। हालांकि इस विज्ञप्ति की सच्चाई जांचने के लिए कई बार इरा से संपर्क किया गया लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की हो सकी है।
सरकार ने शुरू की भूकंप से निपटने की तैयारी
पाकिस्तानी मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. गुलाम रसूल ने बीबीसी को बताया कि आईएसआई की तरफ से इस तरह की ख़बर मिलने के बाद पाकिस्तान के कई सरकारी संस्थान हिंद महासागार में इस संभावित भूकंप और उसके प्रभाव से सुरक्षित रहने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आईएसआई की इस चेतावनी की बुनियाद भारतीय प्रधानमंत्री को लिखा गया खत है। जिसमें दिसंबर के अंत में भूकंप की भविष्यवाणी की गई है।
वे कहते हैं। ''इस भविष्यवाणी का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य तो नहीं है, इसके बावजूद हम इसके प्रभाव से बचने के लिए तैयारियां कर रहे हैं, और इरा ने इस बारे में एक पत्र लिखकर इस पर काम शुरू कर दिया है।''
भूकंप की भविष्यवाणी कितनी संभव?
जब डॉ गुलाम रसूल से पूछा गया कि क्या कोई वैज्ञानिक तरीका है जिससे भविष्य में आने वाले भूकंप की पहले से ही चेतावनी दी जा सके तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इस भविष्यवाणी के सामने आने के बाद बीबीसी ने जापानी वैज्ञानिकों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने भी कहा कि वे ऐसी किसी तकनीक से परिचित नहीं जो भूकंप की भविष्यवाणी कर सके।
बिना किसी वैज्ञानिक तथ्य और प्रमाण के महज एक आदमी की भविष्यवाणी के आधार पर सूनामी की तैयारी करने का तुक समझ नहीं आता।
इस संबंध में डॉ। रसूल कहते हैं, ''विज्ञान में भूकंप के बारे में भविष्यवाणी का कोई तरीका अभी तक नहीं मिला है तो इसका मतलब यह नहीं कि कभी ऐसा नहीं होगा, इसलिए हमें इस तरह की सूचना को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और अपनी तैयारी कर लेनी चाहिए, क्योंकि इस इलाके में समुद्र के नीचे भूकंप का ख़तरा मौजूद है और पहले भी यहां भूकंप आते रहे हैं।''
डॉ. गुलाम रसूल ने साथ ही यह भी कहा कि भारतीय नागरिक की भविष्यवाणी के मुताबिक यह भूकंप पाकिस्तान से 500 किमी दूर आएगा और इससे पाकिस्तान को कोई ख़तरा नहीं है।