अब नेटफ़्लिक्स पर ऑनलाइन देखें नई फिल्में

शनिवार, 9 जनवरी 2016 (09:38 IST)
दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन मूवी कंपनी नेटफ्लिक्स भारत में अपने कदम रख चुकी है। अब आपके मनोरंजन की जरूरतें ऑनलाइन काफी आसानी से पूरी हो सकती हैं। बाजार में इस कंपनी को इरोस इंटरनेशनल का सामना करना होगा।
अगर आप दिल्ली या मुंबई जैसे महानगरों में ‍फिल्म देखने जाएंगे, तो काफी समय लगता है। पार्किंग ढूंढने में दिक्कत, टिकट मिलने या न मिलने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए कई लोग अब ऑनलाइन फिल्में देखना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों के लिए नेटफ़्लिक्स काफी सुविधाजनक साधन बन सकता है। हालांकि भारत के बाजार में नेटफ़्लिक्स अकेली कंपनी नहीं।
 
करीब 2000 फिल्मों की लाइब्रेरी वाली कंपनी इरोस इंटरनेशनल भी कुछ ऐसी ही सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में है। सभी बॉलीवुड फिल्मों पर कॉपीराइट इरोस का अपना है। इरोस की कोशिश होगी कि वह बॉलीवुड और दूसरी भारतीय भाषाओं की फिल्में ऑनलाइन देखने वालों में अपनी पकड़ बनाए।
 
इरोस की टक्कर नेटफ़्लिक्स के लिए बहुत कड़ी हो सकती है क्योंकि कंपनी साल भर में करीब 70 फिल्में रिलीज करती है। दर्शकों से वह कह सकती है कि फिल्म रिलीज होते ही वो उन्हें ऑनलाइन भी देख सकते हैं। पिछले एक साल में थोड़ी बहुत कोशिश के बाद इरोस को करीब ढाई करोड़ ग्राहक मिल गए हैं। वहीं नेटफ़्लिक्स अंग्रेजी फिल्मों के लिए जाना जाएगा।
 
भारत ऐसा बाजार है, जहां सभी भाषाओं में हर साल करीब 800 फिल्में बनती हैं। दुनिया के किसी भी देश में इतनी फिल्में नहीं बनतीं। स्मार्टफोनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले लोग हैं।
 
बॉलीवुड फिल्में देश ही नहीं दुनिया भर में मशहूर हैं और भारत की कंपनियों को लगता है कि दुनिया भर का ऑनलाइन फिल्म बाजार उनके लिए खुल सकता है। इन सभी की पहली नजर आपके स्मार्टफोन पर है कि आप कितनी देर तक वीडियो देखते हैं और दूसरी नजर आपकी जेब पर।
 
लोगों का मानना है कि नेट‍फ़्लिक्स का भारत आना खुद में भारतीय ऑनलाइन बाजार की अहमियत दिखाता है। नेटफ़्लिक्स 2016 के अंत तक भारत सहित 200 देशों में अपनी सेवा पहुंचाने की कोशिश में है पर इरोस के लिए यह शुरुआती कदम है।
अगर आप इरोस की सेवा लेने की सोचेंगे तो विज्ञापन वाली सर्विस अभी फ्री है, लेकिन बिना विज्ञापन वाली सर्विस के लिए हर महीने करीब सौ रुपए देने पड़ेंगे। दूसरे देशों में इरोस की सर्विस इससे महंगी है।
 
बालाजी टेलीफ़िल्म्स ने भी अपनी ऐसी ही सर्विस करीब 200 रुपए महीने में लॉन्च की है। यह प्रोडक्शन कंपनी अपने टेलीविजन सीरियल के लिए मशहूर है। टाइम्स समूह ने करीब साल भर पहले बॉक्स टीवी भी लॉन्च किया था। यहां पर आप हिंदी समेत 11 भाषाओं में फिल्में और टीवी सीरियल देख सकते हैं।
 
इन सबकी टक्कर देश के अंदर मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनी रामोजी फ़िल्म्स से भी होगी। रिलायंस समूह क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को अपने ग्राहकों के लिए सस्ती दरों पर दे सकता है। उसे फायदा यह होगा कि वह फिल्में भी बनाता है और मोबाइल नेटवर्क भी उसका अपना है। उस लिहाज से कोई भी दूसरी कंपनी उससे टक्कर नहीं ले सकती।
 
अगर ये सभी कंपनियां लोगों को ऑनलाइन फिल्में देखने की आदत डाल दें तो यह बहुत बड़ा बदलाव होगा। फिल्म निर्माताओं के लिए यह बढ़िया खबर है। उन्हें उम्मीद है कि इससे पाइरेसी कम होगी और उन्हें साफ़ पता चल पाएगा कि किस देश में उनकी फिल्में देखने वाले कितने ग्राहक हैं।
 
भारत में लोग घर में केबल टीवी के लिए हर महीने पैसे देते हैं, लेकिन ऐसी सर्विस के लिए पैसे कितने लोग देने को तैयार होंगे, फिलहाल बहस का मुद्दा है। एक और मुद्दा जो इन कंपनियों को समझना होगा वो ये कि ब्रॉडबैंड की कीमत अभी भी महंगी है।
 
एयरटेल ब्रॉडबैंड पर 2000 रुपए में आपको 120 गीगाबाइट डेटा मिलता है, जिस पर आप पूरे महीने में कई पिक्चर देख सकते हैं। अगर आप ये कीमत देने को तैयार भी हो गए, तो महानगरों से दूर कई इलाकों में आपको कम से कम 16 गीगाबाइट की स्पीड वाली इंटरनेट सर्विस मिलना आसान नहीं होगा। और अगर ये रफ्तार मिल गई तो वह सर्विस पूरे महीने काम करेगा कि नहीं उसकी गारंटी भी मिलना मुश्किल होगी।
 
करीब साल भर पहले स्टार टीवी ने हॉटस्टार नाम का ऐप लॉन्च किया था। डिस्ट्रीब्यूशन पर होने वाले खर्च को कम करके दर्शकों तक सीधा पहुंचने की इस सेवा पर स्टार टीवी का दावा है कि ये काफी सफल रही है और करीब दस लाख ग्राहक उसे लॉन्च के शुरुआती हफ्तों में ही मिल गए। लेकिन उसके बाद स्टार ने इस ऐप के बारे कोई जानकारी नहीं दी है।

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