क्या श्रीलंका का ‘हमलावर’ बौद्ध था जो बुर्का पहने हुए गिरफ्तार हुआ? फैक्ट चेक
गुरुवार, 25 अप्रैल 2019 (12:31 IST)
- फैक्ट चेक टीम
बीबीसी न्यूज
सोशल मीडिया पर श्रीलंका में हुए बम धमाकों से जोड़कर एक पुराना वीडियो बेहद भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
करीब 30 सेकेंड के इस वायरल वीडियो में बुर्का पहने हुए एक शख्स दिखाई देता है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है और उससे पूछताछ की जा रही है।
दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो श्रीलंका का है और इसका ताल्लुक श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों से है।
जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर यह वीडियो सर्कुलेट किया है, उनका दावा है कि “मुस्लिम महिलाओं का लिबास पहने इस बौद्ध को श्रीलंका पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये शख्स श्रीलंकाई चर्चों में धमाके करने वालों में शामिल था।”
बीते 48 घंटों में इसी दावे के साथ यह वीडियो हजारों लोग फेसबुक पर पोस्ट कर चुके हैं। ट्विटर पर भी इस वीडियो के सैकड़ों शेयर हैं।
21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका के कई शहरों में हुए सीरियल बम धमाकों में मरने वालों की संख्या बुधवार तक बढ़कर 359 हो गई थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हैं।
ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक 38 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। इनमें से 26 लोगों को सीआईडी ने, तीन को आतंकरोधी दस्ते ने और नौ को श्रीलंका पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
लेकिन जिस वीडियो को श्रीलंका में धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार हुए ‘बौद्ध शख्स’ का बताकर शेयर किया जा रहा है, उस वीडियो का इस हादसे से कोई लेना-देना नहीं है।
भारत के कई राज्यों समेत श्रीलंका में भी वायरल हो रहा ये वीडियो अगस्त 2018 का है।
वायरल वीडियो का सच
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये वीडियो है तो श्रीलंका का ही, लेकिन इस वीडियो को श्रीलंका के स्थानीय मीडिया नेटवर्क ‘नेथ न्यूज’ ने सीरियल बम धमाकों से करीब आठ महीने पहले यू-ट्यूब पर पोस्ट किया था।
मीडिया नेटवर्क के अनुसार श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सटे पश्चिमी प्रांत राजगिरी में इस शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
‘नेथ न्यूज’ की वेबसाइट पर इस वीडियो के साथ छपी रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में दिख रहा शख्स ऑटोरिक्शा में बैठकर वेलीकाडा पब्लिक शॉपिंग कॉम्पलेक्स तक पहुँचा था। लेकिन ऑटोरिक्शा चालक को इस आदमी के रवैये पर शक हुआ तो उसने पुलिस को इसकी सूचना दी और उसे गिरफ्तार करा दिया था।
इस शख्स पर क्या आरोप लगे थे? इस बारे में नेथ न्यूज की रिपोर्ट में कुछ नहीं लिखा है।
श्रीलंका की ही ‘एक्सप्रेस न्यूज’ नाम की वेबसाइट ने नेथ न्यूज के हवाले से 30 अगस्त 2018 को इस घटना की रिपोर्ट पब्लिश की थी।
वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल होता देख नेथ न्यूज ने अपने फेसबुक पेज पर इस वीडियो के बारे में एक स्पष्टीकरण जारी किया है।
उन्होंने लिखा है, “ध्यान दें! यह वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया जा रहा है। ये वीडियो क्लिप 29 अगस्त 2018 को हमने पब्लिश किया था।”
धमाकों को सांप्रदायिक तनाव से जोड़ने की कोशिश?
पिछले कुछ वर्षों से श्रीलंका के बहुसंख्यक सिंहली समुदाय और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव रहा है।
पिछले साल मार्च में सिंहला बौद्ध लोगों की भीड़ ने दिगाना शहर में मुसलमानों की 150 से ज्यादा दुकानें, घर और मस्जिदों को जला दिया था जिसके बाद देश में आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी थी।
कई लोग दोनों समुदायों के बीच रहे इस तनाव से जोड़कर भी ये वीडियो शेयर कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तथाकथित चरमपंथी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ ने अपने मीडिया पोर्टल ‘अमाक’ पर इन हमलों की जिम्मेदारी कबूल की है।
लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि आमतौर से इस्लामिक स्टेट हमलों के तुरंत बाद हमलावरों की तस्वीरें प्रकाशित करके ऐसे हमलों की जिम्मेदारी लेता रहा है।
वहीं श्रीलंका सरकार ने एक स्थानीय जेहादी गुट ‘नेशनल तौहीद जमात’ का नाम लिया है और अधिकारियों ने बम धमाके किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की मदद से कराये जाने की बात की है।