गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के तहत आने वाले तेल के छह धनी देशों सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन में 70 लाख से भी अधिक भारतीय रहते हैं। यह संख्या पूरी दुनिया में रह रहे एनआरआई की 60 फीसदी है।
अमेरिका और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय ज्यादातर वित्तीय या तकनीकी संस्थानों में काम करते हैं। जबकि खाड़ी के देशों में वे खतरनाक क्षेत्र में नौकरी करते हैं जैसे निर्माण का क्षेत्र। अमेरिका और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों के पास बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध हैं। इसकी वजह केवल उनकी बेहतर आय नहीं बल्कि उन देशों में मौजूद बेहतर सेवाएं भी हैं।
आंकड़े ये भी बताते हैं कि कतर में भारतीयों की मौत की दर सऊदी अरब से आधी है। अगर ये मान ले कि कतर में रहने वाले भारतीय वैसी ही नौकरियां करते हैं, जैसे सऊदी, कुवैत और ओमान में रहने वाले भारतीय तो ये बात साफ है कि काम करने के बेहतर तौर-तरीकों और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं से कई जानें बचाई जा सकती हैं।