उत्तरप्रदेश के बदायूं ज़िले में 2 नाबालिग़ भाइयों की हत्या के बाद हुए कथित पुलिस एनकाउंटर के बाद से इलाक़े में तनाव है। अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस पुलिस के हवाले से लिखता है कि साजिद (30 साल) नाम के स्थानीय नाई ने 2 नाबालिग़ भाइयों आयुष (13) और हनी (6) की हत्या कर दी थी। इस घटना के 2 घंटे बाद ही पुलिस ने एक कथित एनकाउंटर में साजिद को मार दिया।
उत्तरप्रदेश पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अख़बार से कहा कि साजिद ने पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई। बरेली रेंज के आईजी पुलिस राकेश सिंह ने कहा है कि इस घटना के पीछे का मक़सद अभी तक साफ़ नहीं है। पुलिस के अनुसार बदायूं के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन एरिया के बाबा कॉलोनी में नाबालिग़ भाइयों के पास ही साजिद की दुकान थी।
तीसरे भाई के साथ खेल रहे थे दोनों भाई
दोनों नाबालिग़ भाइयों के पिता एक ठेकेदार हैं जबकि उनकी मां ब्यूटी पार्लर चलाती हैं।
पुलिस के मुताबिक़, मंगलवार की शाम 7.45 बजे साजिद नाबालिग बच्चों के घर गया था, उस समय उनके पिता बाज़ार में थे जबकि मां ब्यूटी पार्लर में थीं, उस समय उनकी दादी उन भाइयों के साथ थीं।
पुलिस का कहना है कि जब लड़कों की दादी चाय बनाने गईं तो साजिद तीसरी मंज़िल पर जा पहुंचा जहां पर दोनों भाई अपने 8 साल के तीसरे भाई के साथ खेल रहे थे।
पुलिस के मुताबिक़, इस दौरान साजिद ने धारदार हथियार से दोनों बच्चों का गला काट दिया जबकि तीसरे भाई को मामूली चोटें आई हैं। तीसरा भाई भागने में सफल रहा और उसने अपने परिवार को इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद साजिद उस इलाक़े से भाग गया।
इसके बाद रात के 10 बजे के क़रीब पीड़ितों के घर से सात किलोमीटर दूर शेखपुरा इलाक़े में साजिद की एक एनकाउंटर में मौत हो गई।
दोनों भाइयों की हत्या के बाद इलाक़े में प्रदर्शनकारियों ने साजिद की दुकान को तोड़ दिया था और उसमें आग लगा दी थी। इसके साथ की 2 दुकानों में भी आग लगा दी गई।
बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार को पीएम मोदी के साथ नहीं जाने दिया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केरल के पलक्कड़ में हुए रोड शो में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार को कथित तौर पर पीएम मोदी के साथ जाने नहीं दिया गया।
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने इस मामले पर रिपोर्ट की है, जिसमें बताया गया है कि मलप्पुरम से बीजेपी के इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार एम। अब्दुल सलाम रोड शो में शामिल होने के लिए आए थे लेकिन एसपीजी ने उन्हें पीएम मोदी के साथ रोड शो करने की अनुमति नहीं दी।
अख़बार के मुताबिक़, सलाम समय पर रोड शो के लिए पहुंच गए थे लेकिन एसपीजी की सूची में उनका नाम नहीं था जिसकी वजह से वो पलक्कड़ से वापस चले गए। उन्होंने अख़बार से कहा कि 'उनका नाम लिस्ट में नहीं है।'
हालांकि, पीएम मोदी जिस समय रोड शो कर रहे थे उस समय उनके साथ उनकी गाड़ी में पलक्कड़ से बीजेपी के उम्मीदवार सी। कृष्णकुमार, पोनानी की उम्मीदवार निवेदिता सुब्रमण्यन, बीजेपी के राज्य प्रमुख के। सुरेंद्रन और 2 एसपीजी के गार्ड साथ खड़े थे।
बीजेपी के सूत्रों ने अख़बार से कहा है कि डॉक्टर सलाम को इसलिए साथ नहीं जाने दिया गया क्योंकि गाड़ी में जगह नहीं थी।
सीपीएम नेता एके बालन ने बीजेपी पर न सिर्फ़ डॉक्टर सलाम बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय के अपमान का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को बीजेपी की ओर से इससे भी अधिक अपमान झेलना होगा।
हालांकि, डॉक्टर सलाम ने बालन के आरोपों को ख़ारिज किया है और इसे उन्होंने बुनी हुई कहानी बताया है।
सलाम ने एक टीवी चैनल से कहा कि वो पलक्कड़ पीएम मोदी से मिलने, उनके साथ फ़ोटो खिचवाने और उन्हें मलप्पुरम आमंत्रित करने गए थे।
उन्होंने कहा कि कौन पीएम मोदी के साथ चलना नहीं चाहेगा और उन्हें कोई शिकायत नहीं है क्योंकि वो जानते हैं कि वो योग्य नहीं थे।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को आजीवन कारावास
मुंबई पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से चर्चित रहे पूर्व पुलिस अफ़सर प्रदीप शर्मा को 18 साल पुराने एक फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है।
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सज़ा सुनाते हुए प्रदीप शर्मा को तीन हफ़्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा है। महाराष्ट्र में किसी एनकाउंटर मामले में पहली बार कोई पुलिस अफ़सर दोषी पाया गया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को छोटा राजन गैंग के सदस्य रामनारायण गुप्ता उर्फ़ लखन भैया के फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में सज़ा सुनाई है।
हाई कोर्ट ने सज़ा सुनाते हुए कहा कि ये साबित हुआ है कि रामनारायण को पुलिस ने मारा और ये एकदम साफ़ है कि इसे फ़र्ज़ी एनकाउंटर का रंग दिया गया।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि क़ानून के अभिभावकों को वर्दी में अपराधियों की हरकत करने नहीं दी जा सकती है।
प्रदीप शर्मा को 25 साल की पुलिस सर्विस में 112 अपराधियों के एनकाउंटर के लिए जाना जाता है। अंडरवर्ल्ड से गठजोड़ के आरोप में उन्हें साल 2008 में पुलिस सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया गया था।
हालांकि साल 2017 में ट्राइब्यूनल ने उन्हें बहाल कर दिया।
रामेश्वरम कैफ़े ब्लास्ट मामले में केंद्रीय मंत्री ने मांगी माफ़ी
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफ़े ब्लास्ट मामले में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी है।
अमर उजाला लिखता है कि उन्होंने दावा किया था कि ब्लास्ट में शामिल संदिग्ध तमिलनाडु का रहने वाला है।
बीजेपी नेता ने दावा किया था कि बम बलास्ट के आरोपी तमिलनाडु के कृष्णागिरि के जंगलों में प्रशिक्षित किए गए थे। केंद्रीय मंत्री की इस टिप्पणी की काफी आलोचना हो रही थी।
इन सबके बीच बीजेपी नेता ने अपने बयान को वापस लेते हुए एक्स पर लिखा, 'मैं अपने तमिल भाइयों और बहनों को यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरे शब्द किसी को आहत करने के लिए नहीं थे। बावजूद इसके मेरी टिप्पणियों से कुछ लोग आहत हुए हैं। मैं इसके लिए माफी मांगती हूं।'
'मेरी टिप्पणियां सिर्फ ब्लास्ट से जुड़ी हुई थीं। मैं अपने दिल की गहराइयों से माफी मांगती हूं और अपने पिछले बयान को वापस लेती हूं।'