घर में ही रेप होता रहा, किसी को बता भी नहीं पाई : आपबीती
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019 (19:32 IST)
- सौतिक बिस्वास, बीबीसी संवाददाता
बारह बरस की इस बच्ची ने अपनी मदद करने वालों को बताया कि हर हफ़्ते के आख़िर में लोग उसके घर आते थे और उसका रेप करते थे। ये सिलसिला पिछले 2 वर्षों से चल रहा था। बलात्कारियों में से कुछ तो उसके पिता की जान-पहचान वाले होते थे और कई ऐसे भी होते थे जिन्हें वो भी नहीं जानते थे।
(चेतावनी : इस लेख में कई बातें ऐसी हैं जो कुछ लोगों को विचलित कर सकती हैं।)
उसने बताया कि इन सबकी शुरुआत तब हुई जब उसके पिता ने अपने कुछ दोस्तों को शराब पीने के लिए घर पर बुलाना शुरू किया। वो शराब पीकर नशे में उससे छेड़खानी करते थे और वो ये काम लड़की के मां-बाप के सामने करते थे।
कई बार उनमें से कुछ लोग उसकी मां के साथ एक कमरे वाले मकान के इकलौते सीलनभरे बेडरूम के भीतर कुछ देर के लिए गुम हो जाते थे। उस लड़की ने बताया कि एक दिन उसके पिता ने उसे भी उनके एक दोस्त के साथ बेडरूम में धकेल दिया। फिर उसने बेडरूम के दरवाज़े को बाहर से बंद कर लिया। उस आदमी ने उसके साथ बलात्कार किया।
उस लड़की का बचपन बहुत जल्द ही एक डरावने ख़्वाब में तब्दील हो गया था। उसका पिता लोगों को बुलाता था और अपनी बेटी के साथ सोने के लिए उनकी बुकिंग करता था। इसके एवज़ में वो उन लोगों से पैसे लेता था। इस लड़की की मदद करने वालों का मानना है कि तब से कम से कम 30 लोगों ने इस लड़की के साथ बलात्कार किया।
20 सितंबर 2019 को कुछ अध्यापकों से मिली जानकारी के बाद बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इस बच्ची को उसके स्कूल से बचाया और उसे एक संरक्षण गृह में ले गए। बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ बच्ची का मेडिकल परीक्षण करने पर उसके साथ बलात्कार की तस्दीक़ हो गई।
बलात्कार के इस मामले में बच्ची के पिता समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। उन पर बलात्कार करने और बच्ची से यौन हिंसा के साथ-साथ पोर्नोग्राफ़ी के लिए बच्चों के इस्तेमाल के केस दर्ज किए गए हैं। अदालत ने सभी आरोपियों की ज़मानत की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी है।
पुलिस को अब उन पांच और लोगों की तलाश है जिन पर इस बच्ची से बलात्कार और उसके यौन शोषण के इल्ज़ाम हैं। मामले की तफ़्तीश कर रहे अधिकारियों के पास क़रीब 25 लोगों के नाम और तस्वीरें हैं जो लड़की के परिवार के परिचित हैं।
अधिकारियों ने इन लोगों की तस्वीरों को बच्ची को दिखाया है ताकि बाक़ी के आरोपियों की शिनाख़्त कर उन्हें गिरफ़्तार किया जा सके। लेकिन बच्ची ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि 'मुझे उनके चेहरे याद नहीं हैं। ज़ेहन में सब कुछ धुंधला-धुंधला सा है।'
'माँ के साथ ज़बरदस्ती' : इस बच्ची का परिवार दक्षिण भारत के काफ़ी समृद्ध शहर में रहता है। ये शहर अपनी हरी भरी पहाड़ियों, साफ़ हवा और ताज़े पानी की छोटी-छोटी नदियों के लिए मशहूर है। लेकिन इस शहर की अच्छी क़िस्मत बच्ची के परिवार को छूकर भी नहीं निकली।
सितंबर के उस दिन स्कूल को कुछ अध्यापकों के माध्यम से इस बच्ची के बारे में पता चला था। ये सभी उसी मोहल्ले में रहते हैं जहां बच्ची का घर है। उन्होंने बताया, 'इस परिवार के साथ कुछ तो गड़बड़ है। इसके घर में कुछ ना कुछ ग़लत चल रहा है। उस बच्ची से बात करने की कोशिश कीजिए।'
स्कूल के प्रबंधन ने महिलाओं की मदद करने वाले समूह से फ़ौरन ही एक सलाहकार को बुलाया। अगली सुबह वो परामर्शदाता स्कूल आ गईं। स्टाफ़ रूम में वो लड़की और ये सलाहकार आमने-सामने बैठे। ऊपर के कमरे में लड़की की मां इन सब बातों से अनजान अध्यापकों और अभिभावकों की मीटिंग में हिस्सा ले रही थी।
परामर्श देने वाली महिला ने लड़की से पूछा, 'तुम मुझे अपने और अपने परिवार के बारे में बताओ।' उन्होंने कई घंटों तक बातचीत की। लड़की ने कहा कि घर में उसका समय बहुत मुश्किल से बीतता था क्योंकि उसके पिता के पास कोई काम नहीं था। किराया ना भरने पर उसके परिवार को कभी भी घर से निकाला जा सकता था। ये कहते कहते वो लड़की रोने लगी।
उसके बाद वो ख़ामोश हो गई। उसकी मदद के लिए आई महिला ने लड़की को स्कूल में चलने वाली बच्चियों की ख़ास कक्षाओं के बारे में बताया। और ये भी बताया कि बच्चियों का शोषण कितनी आम बात है। उसे बीच में टोकते हुए लड़की ने कहा कि, "मेरे घर में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। मेरे पिता मेरी मां के साथ ज़बरदस्ती करा रहे हैं।"
बेहद भयावह दास्तां : तब उस महिला ने लड़की से पूछा कि क्या वो इस बारे में कुछ और जानकारी दे सकती है? लड़की ने बताया कि एक बार एक आदमी जो उसकी मां के पास आया था, उसने उसी को अपना शिकार बनाया था। तब उसकी मां ने उस आदमी को बहुत बुरा-भला कहा था। लेकिन उसके बाद जब वो स्कूल चली आई तो बहुत से लोग उसकी मां के पास आए थे।
उसने बताया कि इसके बाद बड़ी संख्या में लोग उनके घर आने लगे थे। देर रात तक शराब पीने के बाद वो उसका यौन शोषण करते थे। तब बच्ची की मदद के लिए आई महिला ने उससे पूछा कि क्या उसे कुछ गर्भनिरोधक दवाओं के बारे में पता है, जिससे वो गर्भवती न हो और उसे बीमारियां ना हों। लड़की ने कहा, 'नहीं, नहीं। हम कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।'
ये उस बातचीत के दौरान पहली बार था, जब लड़की ने माना कि वो लोग उसके साथ भी यौन संबंध बनाते हैं। इसके बाद उस लड़की ने बचपने के गुम हो जाने की बेहद भयावह दास्तान सुनाई।
नग्न तस्वीरें : उसने बताया, 'बहुत से मर्द उसके घर आते थे और उसकी माँ को लेकर बेडरूम में चले जाते थे। मैंने सोचा कि ये आम बात है। फिर मेरे पिता ने मुझे भी अजनबी लोगों के साथ उस कमरे में धकेलना शुरू कर दिया।' कई बार उसके पिता उसे अपनी नग्न तस्वीरें लेने को मजबूर करते थे। फिर वो ये तस्वीर उन लोगों को भेजते जो उससे मिलने आया करते थे।
लड़की ने बताया कि इस साल की शुरुआत में उसके मां-बाप तब बहुत परेशान हो गए थे, जब तीन महीने तक उसकी माहवारी नहीं हुई। वो उसे एक डॉक्टर के पास लेकर गए। डॉक्टर ने लड़की का अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराया और फिर कुछ दवाएं खाने के लिए दीं। अब तक बच्ची से बात कर रही महिला को अंदाज़ा हो गया था कि वो नियमित रूप से बलात्कार की शिकार हो रही है।
उसने बाल कल्याण अधिकारियों को बुलाया और लड़की को बताया कि वो उसे बाल संरक्षण गृह में ले जा रहे हैं। उस लड़की पर इस बात का कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा।
तभी उसकी मां, जो पैरेंट्स-टीचर मीटिंग से निकलकर बाहर आ रही थी, उसने देखा कि उसकी बेटी को कार में बैठाकर कहीं ले जाया जा रहा है तो वो चिल्लाने लगी, 'तुम मेरी बच्ची को ऐसे कैसे ले जा सकते हो?'
तब बच्ची से बात कर रही महिला ने बताया कि वो उसे इसलिए ले जा रहे हैं क्योंकि उसे कुछ जज़्बाती परेशानियां हो रही हैं और उसे सलाह मशविरे की ज़रूरत है। बच्ची की मां ने कहा कि 'मेरी इजाज़त के बग़ैर मेरी बच्ची की मदद करने वाले तुम लोग कौन होते हो?'
तब तक उसकी बेटी बाल संरक्षण गृह के लिए रवाना हो चुकी थी और पिछले दो महीनों से वो यौन शोषण की शिकार अन्य लड़कियों के साथ वहां रह रही है।
भारत : बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध : बच्चों के यौन शोषण के मामले में भारत का रिकॉर्ड बेहद शर्मनाक है। आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक़ बच्चों के यौन शोषण के ज़्यादातर अपराध वो लोग करते हैं जो उनकी जान-पहचान वाले होते हैं। जैसे कि रिश्तेदार, पड़ोसी और जिनके यहां ये बच्चे काम करते हैं।
बच्चों के साथ यौन अपराध के सब से ताज़ा उपलब्ध आंकड़े साल 2017 के हैं। इनके मुताबिक़ पूरे भारत में बच्चों से बलात्कार के 10 हज़ार 221 केस दर्ज किए गए थे। पिछले कुछ वर्षों में भारत में बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
ऐसे बच्चों की मदद करने वाले परामर्शदाता बताते हैं कि जैसा इस बच्ची के साथ हुआ, बच्चों के यौन शोषण के ऐसे भयावह क़िस्से बेहद आम हैं। जिस संरक्षण गृह में ये लड़की रह रही है, वहां 12 से 16 बरस की उम्र की तीन ऐसी लड़कियां हैं, जिनका उनके पिता ने ही यौन शोषण किया था।
एक सलाहकार ने बताया कि वो 15 बरस की एक गर्भवती बच्ची को परीक्षा दिलाने के लिए ले गई थी। उसकी प्रेगनेंसी आख़िरी दौर में थी। उस लड़की का बलात्कार उसके पिता ने ही किया था।
उस सलाहकार ने बताया, 'जब उस लड़की के बच्चा पैदा हुआ तो हमने उसे सलाह दी कि वो इस बच्चे से छुटकारा पा ले तो उसने कहा कि मैं अपने बच्चे को कैसे किसी और को दे दूं? ये मेरे पिता का बच्चा है। मैं इसे पालूंगी-पोसूंगी।'
इस लेख में जिस लड़की का ज़िक्र है वो संरक्षण गृह पहुंची तो कई दिनों तक बेसुध होकर सोई। उसके बाद उसने डायरी में लिखा कि वो अपनी अम्मा से कितनी मोहब्बत करती है।
वहीं उस लड़की की मां कहती है कि उसकी बेटी ने ये क़िस्सा (यौन शोषण का) ख़ुद से गढ़कर सुनाया है क्योंकि वो अपने मां-बाप से लड़ती रहती थी और उन्हें सबक़ सिखाने की धमकी भी देती थी। उसकी मां कहती है कि एक वक़्त था जब हालात इतने बुरे नहीं थे। उसका पति तब कई बार एक दिन में एक हज़ार रुपए तक कमा लेता था।
अब उस ख़ाली मकान में अकेली वो महिला ही बची है। उसका पति जेल में है और मुक़दमे का इंतज़ार कर रहा है। वहीं, उसकी बेटी बाल संरक्षण गृह में रह रही है। इस महिला ने बीबीसी से कहा कि 'मैं बहुत अच्छी माँ हूं। मेरी बेटी को मेरी ज़रूरत है।'
उसके घर की पुरानी पड़ चुकी दीवारों से पेंट झड़ रहा है। बेटी की मौजूदगी में उसकी यादें इन्हीं दीवारों में ज़िंदा हैं। लड़की की मां बताती है, 'जब वो यहां रहती थी तो इन्हीं दीवारों पर तस्वीरें बनाती थी। कुछ लिखा करती थी। वो दिन भर बस यही करती थी।'
'सॉरी अम्मा' : बच्ची ने एक काग़ज़ पर लिखा था, 'दोस्तो, अगर मैं खुलकर अपने दिल की गहराई में बंद बातों को कह पाई तो ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि होगी।' उसने इस काग़ज़ को दरवाज़े पर चिपकाया हुआ था। कुछ महीने पहले ही मां और बेटी में घर के दरवाज़े में बनी एक पेंटिंग को लेकर झगड़ा हुआ था।
दरअसल, एक दिन जब ये लड़की स्कूल से लौटी तो उसने नीला रंग लिया और ताड़ के एक पेड़ की तस्वीर बनाई। साथ ही उसने एक घर को भी उकेरा जिसकी चिमनी से धुआं निकल रहा था।
उसने ये तस्वीर घर के बाहरी दरवाज़े पर बनाई थी। उसकी उम्र की बहुत सी लड़कियां अपनी कल्पनाओं में शायद ऐसी ही तस्वीरें तो बनाती हैं। लेकिन उसकी मां नाराज़ हो गईं। इसके बाद उसने मां से माफ़ी मांगने वाला नोट दरवाज़े पर लिखा और बाहर चली गई थी। उस लड़की ने नोट में लिखा था- 'सॉरी अम्मा'।