ब्रिटेन: तीन लोग मिलकर पैदा करेंगे बच्चा

गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015 (11:24 IST)
- जेम्स गॉलाघर (स्वास्थ्य संपादक)

ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने तीन लोगों को मिलकर बच्चा पैदा करने की कानूनी इजाजत दे दी है। आईवीएफ के इस आधुनिक संस्करण को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ लार्ड्स ने 232 मतों से पास कर दिया है। हाउस ऑफ कॉमंस तीन फरवरी को ही इसे बहुमत से पास कर चुका है।


इस तरह पैदा होने वाले बच्चों को खतरनाक आनुवंशिक रोग से बचाने की प्रक्रिया का फैसला फर्टिलिटी नियामक करेगा। इस तरह का पहला बच्चा 2016 में पैदा होने की संभावना है।

बुनियादी संरचना : शरीर की बुनियादी संरचना कोशिका का एक छोटा-सा हिस्सा है माइटोकॉन्ड्रिया, जो भोजन को ऊर्जा में बदलता है।

अगर माइटोकॉन्ड्रिया में कोई आनुवांशिक दोष है तो हृदय या दिमाग के काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं बनेगी। यह संरचना बच्चे के खुद के डीएनए में उसकी मां से मिलती है, लेकिन इससे उसके व्यक्तित्व पर असर नहीं पड़ता।

न्यूकैसल में विकसित तकनीक में आईवीएफ के आधुनिक संस्करण का उपयोग दानदाता महिला के माइटोकॉन्ड्रिया को माता-पिता के डीएनए से मिलाने में किया जाता है।

इस तरह से पैदा होने वाले बच्चे का 0.1 फीसदी डीएनए दूसरी महिला से आता है और इस तरह होने वाला स्थाई बदलाव पीढ़ियों तक जारी रहता है।

पहला देश : ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एंब्रियोलॉजी अथॉरिटी (एचईएफए) की प्रमुख शैली चिशायर कहती हैं, 'इस तरह के इलाज की इजाजत देने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश है। यह पूरे ब्रिटेन में मौजूद वैज्ञानिक विशेषज्ञता और सम्मानित प्राधिकरणों का प्रमाण है, जिसे संसद ने पारित करने लायक पाया।'

इंग्लैंड के कैथोलिक और अंग्रेजी चर्च ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि यह विचार सुरक्षित और नैतिक नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन में हर साल इस तकनीक से 150 जोड़े बच्चा पैदा कर सकेंगे।

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