योगी छाए मीडिया में, इन 4 नए मुख्यमंत्रियों का क्या?

बुधवार, 29 मार्च 2017 (20:10 IST)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर योगी आदित्यनाथ का नाम तय होने के साथ ही वो मीडिया में छा गए। बीते एक हफ़्ते से लगातार केवल उन्हीं की चर्चा दिखाई और सुनाई दे रही है, लेकिन चार और राज्यों में सरकार बदली है। इनमें से दो राज्य तो ऐसे हैं जिनमें बीजेपी ने बहुमत ना होते हुए भी सरकार बनाई। इसके अलावा उत्तराखंड में भारी बहुमत से बीजेपी की और पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी है।
योगी आदित्यनाथ के सिर्फ नाम ही नहीं उनके काम पर भी मीडिया की खूब नज़र है लेकिन बाकी राज्यों के मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? क्या वहां नई सरकार ने अब तक कुछ भी नहीं किया? आइए एक नज़र डालते हैं इन राज्यों में बीते दो हफ़्ते के रिपोर्ट कार्ड पर-
 
पंजाब : स्थानीय पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन
* पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 16 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
* 18 मार्च को उन्होंने पंजाब के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी। इसमें शराब की दुकानों और उनके कोटे में कटौती की गई है। राज्य में अब सिर्फ 5900 दुकानें ही होंगी। पहले ये तादाद 6384 थी। इसके साथ ही राष्ट्रीय और प्रादेशिक राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकान खोलने पर भी रोक लग गई है।
* पंजाब के नए मुख्यमंत्री ने कृषि ऋण का आकलन करने के लिए जानकारों के एक कार्यदल का गठन करने का भी फैसला किया है। ये दल सरकार को समयबद्ध तरीके से किसानों की कर्ज़माफ़ी के रास्ते भी सुझाएगा।
* पंजाब में ज़िला परिवहन अधिकारियों का पद खत्म कर दिया गया है। उनका काम अब सबडिविज़नल मजिस्ट्रेट अपने अपने क्षेत्र में देखेंगे। 

 
* नई कैबिनट की पहली बैठक में कई और फैसले लिए गए। इसमें अस्पताल, एंबुलेंस, दमकल विभाग और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जज़ों की गाड़ियों को छोड़ किसी भी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगाने का फैसला किया गया।
* पंजाब सरकार के खर्च पर सभी विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों के दो साल तक विदेश यात्रा पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ उन मामलों में विदेश जाने की अनुमति होगी जो द्वीपक्षीय करारों के तहत होने हैं। 
* राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यों के गवर्नर और विदेशी आगंतुकों के सम्मान के अलावा और किसी के लिए सरकार के खर्च पर कोई भोज नहीं होगा।
 
* मुख्यमंत्री और मंत्रियों के प्रवास के दौरान भी ज़िला प्रशासन सामान्य रूप से काम करेगा। वीआईपी की किसी भी ज़रूरत के लिए सक्षम एजेंसी से पहले ही अनुमति लेनी होगी।
* कैबिनेट ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण लागू किया है। इसके अलावा स्वाधीनता सेनानियों के लिए भी कई योजनाएं लागू की गई हैं।
* 20 मार्च को कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने यह एलान किया कि ड्रग्स, भ्रष्टाचार और माफ़िया के ख़िलाफ़ सरकार ज़ीरो टॉलरेंस नीति लागू कर कर रही है। इसमें नाक़ामी के लिए सीधे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार बनाया गया है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो ड्रग्स कारोबारियों, गैंगस्टरों और माफ़िया के बड़े नामों पर शिकंजा कसें।
* 21 मार्च को अमरिंदर सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कमेटी का गठन किया जिससे न्यायपूर्ण शासन प्रणाली सुनिश्चित की जा सके।
* 27 मार्च को कैप्टने अमरिंदर सिंह ने हाल ही में एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व वाले गठित स्पेशल टास्क फोर्स को चार हफ़्ते के भीतर राज्य में मौजूद ड्रग्स के ज़खीरे को पूरी तरह से खत्म करने का आदेश दिया है।
 
 
उत्तराखंड : स्थानीय पत्रकार शिव जोशी
पंजाब के अलावा उत्तराखंड में भी विपक्षी पार्टी को भारी बहुमत मिला है। यहां बीजेपी ने सत्ता में ज़ोरदार वापसी की जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया।
* नई सरकार ने शपथ लेने के बाद सबसे पहले लोकायुक्त बिल का संशोधित रूप सदन में पेश किया। इसमें मुख्यमंत्री को भी लोकायुक्त की जांच के दायरे में रखा गया है।
* उधमसिंहनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और मरम्मत कार्य में करोड़ों रुपए के कथित घोटाले, (एनएच-74 घोटाला) की जांच के आदेश दिए गए। 6 * पीसीएस अधिकारी निलंबित किए गए, सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई है। सरकार ने कृषि ज़मीन को गैर-कृषि ज़मीन दिखाकर 240 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है।
* लोकसेवक वार्षिक स्थानांतरण बिल सदन में पेश किया गया है जिसके तहत दुर्गम इलाकों में अनिवार्य तैनाती का प्रावधान होगा। प्रमोशन के लिए दुर्गम इलाकों में निर्धारित अवधि के लिए काम करना जरूरी होगा।
* उत्तराखंड की सरकार ने 2016 में बार मानकों की अनदेखी के मामले पर जांच के आदेश दिए हैं। जांच तीसरे पक्ष से करवाई जाएगी।
* अवैध खनन के खिलाफ़ राज्य के विभिन्न इलाक़ों में छापे की कार्रवाई की गई है।
* तीन निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक सदन में रखे गए हैं।
* राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सौ फीट ऊंचा तिरंगा लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इसके अलवा सुबह राष्ट्रगान और * शाम को राष्ट्रगीत को भी अनिवार्य किए जाने पर विचार हो रहा है।
 
मणिपुर : स्थानीय पत्रकार दिलीप शर्मा
मणिपुर में पहली बार सत्ता में आई बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार का पहला काम प्रदेश में यूनाइटेड नागा काउंसिल द्वारा जारी 139 दिवसीय आर्थिक नाकाबंदी को समाप्त करना था।
* इसके साथ ही नई सरकार ने अपने वादे के मुताबिक भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए एक भ्रष्टाचार विरोधी सेल का गठन किया हैं। बीजेपी गठबंधन वाली सरकार ने सार्वजनिक शिकायतों तथा भ्रष्टाचार की किसी भी घटना से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए एक मोबाइल नंबर (9402150000) भी जारी कर दिया है।
* आम लोग सार्वजनिक सेवा में भ्रष्टाचार की किसी भी घटना का वीडियो / ऑडियो बनाकर इस मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेज सकेंगे। शिकायत मिलने के तुरंत बाद सरकार कार्रवाई करेगी और ऐसी जानकारी देने वाले लोगों की पहचान को भी गुप्त रखेगी।
* भ्रष्ट्राचार रोकने के एक और कदम के तहत नई सरकार के कैबिनेट ने केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के सभी विभागों में जूनियर स्तर के पदों (तृतीय और चतुर्थ श्रेणी) के लिए सीधी भर्ती में साक्षात्कार को समाप्त करने का भी एक निर्णय लिया हैं।
* कैबिनेट की पहली बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि विकास योजनाओं को लागू करने को लेकर वैली और पहाड़ी क्षेत्रों में कोई भेदभाव न हो।
 
गोवा : स्थानीय पत्रकार संदेश प्रभुदेसाई
देश के रक्षा मंत्री का दायित्व छोड़ कर 14 मार्च को गोवा के मुख्यमंत्री बने मनोहर पर्रिकर के सामने सबसे पहले कैसिनो और शराब का मसला सामने आया। क्योंकि उन्हें इनसे जुड़ी नीति तय करने की आखिरी तारीख 31 मार्च थी।
* पर्रिकर सरकार ने सत्ता में आने के बाद 24 मार्च को अगले वित्तीय वर्ष का बजट भी पेश किया क्योंकि इसे भी 31 मार्च के पहले पेश करना था।
* कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में मंडोवी नदी में चलने वाले फ्लोटिंग कैसिनो को अगले छह महीने जारी रखने का फैसला किया।
* राज्य में 3000 से ज्यादा शराब की दुकानें ऐसी हैं जो राष्ट्रीय या प्रदेश के राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में आती हैं। सरकार ने इनमें से केवल 789 * दुकानों को बंद करने का फैसला किया। इन्हें 31 मार्च को बंद कर दिया जाएगा।
(स्थानीय पत्रकारों के साथ बीबीसी संवाददाता निखिल रंजन की बातचीत के आधार पर)

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