अगर पारदर्शी हो जाए कम्प्यूटर

शनिवार, 2 मार्च 2013 (12:42 IST)
BBC
तकनीकविदों ने एक ऐसा पारदर्शी कम्प्यूटर तैयार किया है जो आपको सिस्टम के अंदर तक पहुंचने और डिजिटल कंटेंट को छूकर अपनी कल्पनाओं को अपने हिसाब से ढालने की सुविधा देता है।

लॉस एंजिल्स में टीईडी की कॉन्फ्रेंस में इस कम्प्यूर का अनावरण किया गया। टीईडी के जिन्हा ली माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर इस 'स्पेसटॉप थ्री डी डेस्कटॉप' को बनाने में जुटे हुए हैं।

ली ने बीबीसी से कहा कि यह कम्प्यूटर लोगों को मशीनों के साथ संवाद करने का वैसा ही मौक़ा देता है जैसा कि वे ठोस वस्तुओं के साथ करते हैं। उनका मानना है कि एक दशक के भीतर इस कम्प्यूटर का प्रचलन आम हो जाएगा।

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इस सिस्टम में एक पारदर्शी एलईडी डिस्प्ले है जिस पर बिल्ट-इन कैमरे लगे हैं। ये कैमरे यूज़र के हावभाव और आंखों की गति के अनुरूप ख़ुद को एडजस्ट करते हैं।


मानवीय गुण से प्रेरित : इस सिस्टम को मनुष्य के चीज़ों के साथ संवाद स्थापित करने की ज़रूरत से प्रेरणा लेकर डिज़ाइन किया गया है। ली ने कहा कि चीज़ों को कहां रखा गया है इसकी सूचना व्यक्ति की याददाश्त में रहती है। यह मनुष्य का विशेष गुण है।

इसे डिजिटल की दुनिया में बदलने से लोग कम्प्यूटर को आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे और अधिक जटिल कामों को सुगमता के साथ कर सकेंगे।

ली ने कहा कि अगर आप किसी दस्तावेज़ पर काम कर रहे हैं तो आप इसे उठा सकते हैं और एक किताब की तरह मोड़ सकते हैं। जिन्हा ली का मानना है कि यह तकनीक बच्चों के लिए शिक्षा को आसान बना देगी।

टचपैड की सुविधा : किसी ऐसे काम के लिए जहां हाथों के हावभाव सटीक नहीं हैं वहां टचपैड का उपयोग किया जाएगा। इससे वास्तुकार जैसे यूज़र थ्री डी मॉडलों को अपने हिसाब से ढाल सकते हैं।

ली ने कहा कि जो डिज़ाइनर सोचता है और जो कम्प्यूटर कर सकता है उसमें बहुत बड़ा अंतर होता है. अगर आप हाथ कम्प्यूटर के भीतर डाल सकें और डिजिटल कंटेंट को सीधे तौर पर नियंत्रित कर सकें तो आप अपने विचारों को ज़्यादा बेहतर तरीक़े से पेश कर सकते हैं।

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