लिपोसक्शन: इस प्रक्रिया में विशेष उपकरण का उपयोग करके अतिरिक्त चर्बी को हटाया जाता है।
टमी टक: पेट की त्वचा और चर्बी को हटाकर पेट को फ्लैट बनाने की प्रक्रिया।
थाइज़ लिफ्ट: जांघों की त्वचा को कसने के लिए की जाने वाली सर्जरी।
आर्म्स लिफ्ट: बाजुओं की ढीली त्वचा को हटाने की प्रक्रिया।
ब्रेस्ट रिडक्शन: स्तनों के आकार को कम करने के लिए की जाने वाली सर्जरी।
इनके अलावा भी कई अन्य तरह की प्रक्रियाएं बॉडी कॉन्टूरिंग के अंदर की जाती हैं।
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बढ़ता है आत्मविश्वास: बॉडी कॉन्टूरिंग से शरीर का आकार सुधारने में मदद मिलती है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ सकता है।
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स्वस्थ जीवनशैली को मिलता है प्रोत्साहन: कई लोग बॉडी कॉन्टूरिंग के बाद स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।
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वस्त्रों की बेहतर फिटिंग: बॉडी कॉन्टूरिंग से शरीर का आकार सुधारने के बाद कपड़े बेहतर फिट होते हैं।
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दर्द में कमी: कुछ मामलों में, जैसे कि लिम्फेडेमा, बॉडी कॉन्टूरिंग से दर्द में कमी हो सकती है।
बॉडी कॉन्टूरिंग सर्जरी के नुकसान
संक्रमण: किसी भी सर्जरी की तरह, बॉडी कॉन्टूरिंग में भी संक्रमण का खतरा होता है।
रक्तस्राव: सर्जरी के दौरान या बाद में रक्तस्राव हो सकता है।
सूजन: सर्जरी के बाद सूजन होना सामान्य है, लेकिन यह कुछ मामलों में गंभीर हो सकती है।
निशान: सर्जरी के बाद निशान रह सकते हैं।
अनियमितता: कभी-कभी शरीर के आकार में अनियमितता आ सकती है।
नंबनेस: कुछ मामलों में, सर्जरी के बाद प्रभावित क्षेत्र में सुन्नपन महसूस हो सकता है।
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