बिहार चुनाव : महागठबंधन ने किया सीटों का बंटवारा

पटना। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन ने शनिवार को सीटों का बंटवारा कर लिया। 
 
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, विधान पार्षद भोला यादव तथा बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह की उपस्थिति में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस आशय की घोषणा करते हुए बताया कि आपसी सहमति से बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में जदयू और राजद 101-101 सीटों पर तथा कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
 
पटना की चार प्रतिष्ठा वाली विधानसभा सीटों में से दो बांकीपुर और कुम्हरार पर कांग्रेस तथा दीघा पर जदयू एवं पटना साहिब पर राजद अपने-अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इन सीटों में से बांकीपुर और कुम्हरार पर वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय हासिल की थी जबकि दीघा पर विजयी हुई जदयू की विधायक पूनम देवी अब बागी बन चुकी हैं।
 
पटना ग्रामीण इलाके के पांच विधानसभा सीटों फतुहा, दानापुर, मनेर, मसौढी और पालीगंज सीटें राजद को दी गई हैं, जबकि तीन मोकामा, बाढ और फुलवारी शरीफ पर जदयू तथा विक्रम में कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।
 
अल्पसंख्यक बहुल सीमांचल के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिलों की 24 विधानसभा सीटों में से 10 पर कांग्रेस, नौ पर जदयू और पांच सीटों पर राजद अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी।
 
सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तहादुल मुस्लेमीन (एआईएमआईएम) के पहली बार चुनावी मैदान में उतरने से इस इलाके में अब महागठबंधन, राजग और एआईएमआईएम के बीच त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। सीटों के बंटवारे में राष्ट्रीय स्तर की पार्टी कांग्रेस को 14 जिलों में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है जबकि राजद को 35 एवं जदयू को बिहार के सभी 38 जिलों में प्रतिनिधित्व मिला है।
 
भाजपा नीत राजग की ओर से अभी तक बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा किया जाना बाकी है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह चरणबद्ध तरीके से इसकी घोषणा करेगी। 
प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बागियों का महत्व बढ़ जाता है और विरोधी पार्टियां ऐसे बागियों को अपना उम्मीदवार बनाकर विपक्षी दल को मात देने के ताक में रहती है। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें