तीसरे और चौथे चरण पर ही टिकी हैं भाजपा की उम्मीदें

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के  लिए कल यानी 28 अक्टूबर को होने जा रहे तीसरे और एक नवंबर को होने वाले  चौथे चरण के मतदान में दांव पर भाजपा है। उसके सामने न सिर्फ  अपने गढ़ों को बचाने की चुनौती है, बल्कि इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने का बड़ा लक्ष्य भी है। इन दोनों चरणों की 105 विधानसभा सीटों को लोकसभा के हिसाब से देखे तो नालंदा को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों से भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसद हैं।
 
विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों के बारे में महागठबंधन को बढ़त मिलने की रिपोर्टों के बाद भाजपा की उम्मीदें इन्हीं दो चरणों के मतदान पर टिकी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पांचवें और अंतिम चरण से पार्टी को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है, जिसमें कि 57 सीटों के लिए मतदान होना है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने तीसरे और चौथे चरण के लिए 85 प्लस का लक्ष्य तय किया है। यही वजह है कि पार्टी ने इन क्षेत्रों में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। 
 
सभी उम्मीदवारों की तरफ से मोदी की भारी मांग है। अन्य केंद्रीय नेताओं में गृह मंत्री राजनाथसिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधान विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद मनोज तिवारी और हेमा मालिनी की सबसे ज्यादा मांग है। तीसरे और चौथे चरण में केद्रीय मंत्री  राधामोहन सिंह, राजीव प्रताप रूड़ी, रामकृपाल यादव व सांसद अश्विनी चौबे जैसे बड़े नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र होंगे।

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