पटना। बिहार विधानसभा के चुनाव में हर रोज नया मुद्दा गरमा रहा है। गो मांस विवाद, संघ प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण संबंधी बयान, बिहारी बनाम बाहरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तांत्रिक से मुलाकात और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भाजपा के हारने पर पाकिस्तान में पटाखे फूटने वाले बयान के बाद अब भाजपा के चुनावी विज्ञापनों पर विवाद गरमा रहा है।
इस नए विज्ञापन में नीतीश कुमार का 24 अगस्त 2005 को लोकसभा में दिए गए आरक्षण संबंधी भाषण का वह अंश है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम और ईसाई समुदाय के दलितों और आदिवासियों को भी आरक्षण का लाभ देने की मांग सरकार से की थी।
केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने भी आज अपनी पार्टी के इस नए विज्ञापन को ट्वीट करते हुए कहा है कि नकार सकते हैं तो इसे नकार दीजिए नीतीश जी! इस विज्ञापन पर नीतीश कुमार ने भी बगैर देर किए ट्वीट करके जवाबी चुनौती देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जब चाहें, जहां चाहें उनसे आरक्षण पर बहस कर सकते हैं, लेकिन उनको गलत बयानी करना बंद कर देनी चाहिए।