जदयू-भाजपा के अलगाव से बिहार पर नकारात्मक असर

नई दिल्ली। अत्यधिक महत्वपूर्ण बिहार चुनाव से पहले भाजपा द्वारा मान्यता प्राप्त थिंक टैंक ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के विकास के दावों को खारिज किया है और कहा है कि राजग से उनके अलग हो जाने के कारण राज्य में शासन की गुणवत्ता पर ‘नकारात्मक असर’ पड़ा है।
 
भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाले जन नीति शोध केंद्र ने कहा कि इस अध्ययन में विकास के सभी प्रमुख संकेतकों के विश्लेषण में यह पाया गया है कि भाजपा और जदयू के अलगाव का बिहार के शासन और बिहार के लोगों के जीवन पर बेहद नकारात्मक असर रहा है।
 
पीपीआरसी ने अपने अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला कि वर्ष 2013 में पार्टी की चुनाव प्रचार समिति में प्रमुख के रूप में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने के बाद, नीतिश के भाजपा नेतृत्व वाले राजग से अलग हो जाने पर विकास कार्य प्रभावित हुआ है।
 
अध्ययन में कहा गया कि राज्य की आर्थिक विकास दर वर्ष 2012-13 में 15 प्रतिशत से गिरकर नौ प्रतिशत रह गई।
 
इस अलगाव के शासन पर पड़े असर का अध्ययन करने का दावा करने वाली पीपीआरसी ने कहा कि राज्य के सिर्फ 70 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में लड़कों के लिए शौचालय हैं। लड़कियों के लिए यह प्रतिशत महज 58 है। लड़कियों द्वारा बीच में ही पढ़ाई छोड़ दिए जाने की एक प्रमुख वजह यह है। (भाषा)

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