पार्टी की तरफ से कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वे संयमित होकर घर पर जन्मदिन का उत्सव मनाएं, किसी प्रकार का हुड़दंग न करें। लालू की गैरमौजूदगी में तेजस्वी ने चुनाव प्रचार की पूरी कमान संभाली। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान 251 रैलियों को संबोधित किया। तेजस्वी ने 17 रैलियों के अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़कर रोजाना 19 रैलियां तक कीं।
तेजस्वी की सभाओं में भीड़ भी खूब उमड़ी। हालांकि यह भीड़ वोट में कितना तब्दील होती है, यह तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा। क्रिकेट के मैदान में चौके-छक्के लगाने वाले तेजस्वी को बल्ले और गेंद से दूरी बनानी पड़ी और राजनीति की पिच पर नई पारी के लिए पैर जमाना पड़ा। तेजस्वी को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। कई बार ऐसी भी परिस्थितियां बनीं कि लगा कि पूरी पारी जमने से पहले ही समाप्त हो जाएगी, लेकिन इस बार के चुनावी रण में तेजस्वी की हर चाल विपक्षियों पर पूरी तरह भारी पड़ी।