जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश करार दिया। किशोर ने यह टिप्पणी राज्य के एकमात्र मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज में की। जन सुराज नेता ने वादा किया कि उनकी पार्टी उन लोगों की मदद करेगी, जिनके नाम मतदाता सूची से गलत तरीके से हटा दिए गए हैं।
उन्होंने बातचीत में कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) भाजपा की साजिश है। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि निर्वाचन आयोग लोगों की नागरिकता निर्धारित नहीं कर सकता। क्या निर्वाचन आयोग अब इस तरह की कवायद करके यह कहना चाहता है कि 2014 की मतदाता सूची, जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, फर्जी थी?
किशोर ने कहा कि पिछले साल के लोकसभा चुनावों तक यही मतदाता सूची ठीक थी। हमें आगामी विधानसभा चुनाव इसी मतदाता सूची के आधार पर कराने में कोई समस्या नहीं नजर आती।
पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने कहा, जाहिर है कि बिहार में भाजपा घबराई हुई है क्योंकि उसे एहसास है कि यहां के लोगों के पास अब जन सुराज पार्टी के रूप में एक नया विकल्प है। इसलिए वे गलत तरीके से मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश कर रहे हैं। जिनके नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं, मैं उन सभी लोगों से अनुरोध करूंगा वे हमारी पार्टी से संपर्क करें। हम हर संभव मदद करेंगे।
किशोर की नौ महीने पुरानी पार्टी राज्य के मुस्लिम वोट में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर भी निशाना साधा, जो अब तक अल्पसंख्यक समुदाय की पहली पसंद रही है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने राज्य की मुख्य विपक्षी दल के चुनाव चिह्न का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, राजद ने मुसलमानों को लालटेन जलाने वाली केरोसिन से अधिक कुछ नहीं समझा है। लेकिन समुदाय अब बहुत सह चुका है।
किशोर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की कोई भूमिका नहीं देखते हैं।
किशोर ने महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा विवाद के लिए ठाकरे बंधुओं (उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ये लोग मूर्ख हैं। लेकिन कांग्रेस और भाजपा भी दोषी हैं, क्योंकि इन राष्ट्रीय दलों को ऐसी विभाजनकारी ताकतों के साथ गठजोड़ करने में कोई हिचक नहीं है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल किशनगंज स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के न्यासियों में से एक के रूप में भ्रष्टाचार और पक्षपात में लिप्त रहे हैं। उन्होंने मौजूदा विधान पार्षद और पूर्व मंत्री दिलीप जायसवाल को चुनौती दी कि अगर मैं जो कह रहा हूं वह गलत है तो वह कानूनी कार्रवाई शुरू करें। भाषा Edited by : Sudhir Sharma