Ambedkar Jayanti: अंबेडकर जयंती रविवार को, जानें उनके जीवन से जुड़ीं 10 खास बातें

WD Feature Desk
शनिवार, 13 अप्रैल 2024 (15:27 IST)
HIGHLIGHTS
 
• बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर। 
• उन्होंने भारत की नाम विश्व में अलौकित किया।
• डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर के बारे में जानें।
 
2024 Ambedkar Jayanti : वर्ष 2024 में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल, दिन रविवार को मनाई जा रही है। उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कहा जाता है। भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को इंदौर के पास, मध्यप्रदेश में रामजी शकपाल के यहां 14वीं संतान के रूप में हुआ था। वे लोगों के बीच में बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से लोकप्रिय थे। 
 
आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ें 10 अनसुने तथ्य-
 
1. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर/ डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर एक बहुत बड़े समाज सुधारक, सांसद, मंत्री, राजनीतिज्ञ और संविधान निर्माता थे। वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई मुरबादकर की 14वीं व अंतिम संतान थे। उनका परिवार मराठी था और आधुनिक महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में (अंबावडे नगर) से संबंधित था। 
 
2. अंबेडकर ने सातारा शहर में राजवाड़ा चौक पर स्थित गवर्नमेंट हाईस्कूल में पढ़ाई की। स्कूल में उस समय 'भिवा रामजी आंबेडकर' यह उनका नाम उपस्थिति पंजिका में क्रमांक- 1914 पर अंकित था। 1897 में, अंबेडकर का परिवार मुंबई चला गया जहां उन्होंने एल्फिंस्टोन रोड पर स्थित गवर्नमेंट हाईस्कूल में आगे कि शिक्षा प्राप्त की।
 
3. भीमराव अंबेडकर को बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने मेधावी छात्र के नाते छात्रवृत्ति देकर 1913 में विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेज दिया। अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, दर्शन और अर्थ नीति का गहन अध्ययन बाबा साहेब ने किया। मुंबई विश्वविद्यालय (बी.ए.), कोलंबिया विश्वविद्यालय (एम.ए., पीएच.डी., एलएल.डी.), लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (एमएस.सी., डीएस.सी.), ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ) डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर कुल 64 विषयों में मास्टर थे। 
 
4. वे हिन्दी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन और गुजराती जैसे 9 भाषाओँ के जानकार थे। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 साल तक विश्व के सभी धर्मों की तुलनात्मक रूप से पढ़ाई की थी। पढ़-लिखकर उन्होंने सामाजिक भेदभाव मिटाने का कार्य किया और अंत में 1956 में उन्होंने 8,50,000 समर्थकों के साथ बौद्ध पंथ को अपना लिया था। बाबा साहेब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देनेवाले महान बौद्ध भिक्षु 'महंत वीर चंद्रमणी' ने उन्हें 'इस युग का आधुनिक बुद्ध' कहा था।
 
5. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को भारतीय तिरंगे में 'अशोक चक्र' को जगह देने का श्रेय भी जाता है।
 
6. सन् 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बोधिसत्व सम्मान (1956), पहले कोलंबियन अहेड ऑफ देअर टाईम (2004), द ग्रेटेस्ट इंडियन (2012) डॉ. अंबेडकर। 26 नवंबर 1949 को डॉ. अंबेडकर और उनकी टीम द्वारा रचित (315 अनुच्छेद का) संविधान पारित किया गया।  
 
7. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने अपने जीवन काल में स्वतंत्र लेबर पार्टी, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी, शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन का गठन भी किया था।
 
8. रमाबाई अंबेडकर उनकी पत्नी का नाम था। पुत्र यशवंत भीमराव आंबेडकर और पोते का नाम प्रकाश अंबेडकर है। 
 
9. वे सन् 1948 से डायबिटीज मेलेटस (डीएम)/ मधुमेह रोग से पीड़ित थे। तथा दिन-प्रतिदिन आंखों की कमजोर होती दृष्टि से ग्रस्त थे। अपनी अंतिम पांडुलिपि 'बुद्ध और उनके धम्म' को पूरा करने के तीन दिन पश्चात दिल्ली में उनके आवास पर 06 दिसंबर 1956 को नींद में ही उनकी मृत्यु हो गई थी।
 
10. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर एक भारतीय अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक रहे, जिन्होंने देश और समाज के लिए बहुत सारे उल्लेखनीय कार्य किए हैं। 
 
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