Rashtriya Ekta Diwas: भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाने का ऐलान भारत सरकार ने 2014 में किया था। सरदार पटेल का योगदान भारतीय राजनीति और समाज में अतुलनीय है, और उनकी जयंती पर उनका सम्मान करने के लिए यह दिन विशेष रूप से समर्पित किया जाता है।
यहां भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने से जुड़ी खास बातें और उनका महत्व निम्नलिखित है:
* राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों? : यह दिवस सरदार पटेल के भारतीय राष्ट्र के एकीकरण में किए गए अद्वितीय और ऐतिहासिक योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
565 रियासतों का विलय: स्वतंत्रता के बाद, भारत 565 से अधिक छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था, जिन्हें भारत संघ में शामिल करना एक बड़ी चुनौती थी। सरदार पटेल ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, कूटनीति और दूरदर्शिता के बल पर इन सभी रियासतों, इसमें (हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर को छोड़कर शेष सभी का शांतिपूर्ण तरीके से भारत में विलय सुनिश्चित किया, जिससे आधुनिक भारत का भौगोलिक और राजनीतिक नक्शा तैयार हुआ।
उन्हें उनकी इसी दृढ़ता और राष्ट्र को एकजुट करने के लिए 'भारत का बिस्मार्क' और 'लौह पुरुष' कहा जाता है। इस दिवस का उद्देश्य नागरिकों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
* राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम: इस दिन पूरे देश में एकता के संदेश को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
- 'रन फॉर यूनिटी' (Run for Unity): देशभर में बड़ी संख्या में लोग एकता और राष्ट्र की अखंडता का संदेश देने के लिए दौड़ में भाग लेते हैं।
- राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ: सभी सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में एकता की शपथ ली जाती है।
- एकता परेड: गुजरात के केवडिया, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास, एकता नगर में भव्य परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें विभिन्न सुरक्षा बल और सांस्कृतिक झांकियां शामिल होती हैं। इस वर्ष, विशेष रूप से उनकी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भव्य समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।
'एक भारत, श्रेष्ठ भारत': यह दिन प्रधानमंत्री द्वारा 2015 में शुरू की गई 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' पहल की भावना को मजबूत करता है, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राज्यों के बीच समझ को बढ़ावा देती है।
सरदार पटेल की जयंती, राष्ट्रीय एकता दिवस, हमें याद दिलाता है कि 'एकता में ही हमारी शक्ति है' और हमें विविधता के बावजूद राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
* सरदार पटेल की खास बातें:
- वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि बारडोली सत्याग्रह (1928) के सफल नेतृत्व के बाद वहां की महिलाओं द्वारा दी गई थी। बारडोली सत्याग्रह के दौरान उनका प्रसिद्ध नारा था: 'कर मत दो' (Do not pay tax) था।
- वह स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृह मंत्री थे।
- उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) सहित आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, 182 मीटर सरदार पटेल को समर्पित है, जो उनकी जयंती पर मुख्य उत्सव स्थल होता है।
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