राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद में हुए चिंतन-मंथन के बाद अधिवेशन के अंतिम दिन भाजपा ने महँगाई और कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र की यूपीए सरकार के खिलाफ तगड़ी हुँकार भरी।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने महँगाई और भाजपा संसदीय दल के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर केंद्र की मनमोहन सरकार पर जमकर हमला बोला। भाजपा के इन दिनों शीर्ष नेताओं के तेवर सरकार को ललकारने वाले रहे। महँगाई पर सुषमा स्वराज ने संसद के भीतर सरकार की पोल खोलने का ऐलान किया तो आडवाणी यहाँ तक बोल गए कि यदि मनमोहन सरकार ने कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रहित को दाँव पर लगाकर कोई समझौता किया तो भारत सरकार को अब तक के सर्वाधिक व्यापक राजनीतिक संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कश्मीर के मुद्दे को लेकर 25 फरवरी से एक और जन आंदोलन का ऐलान किया। इस आंदोलन की अगुवाई करने खुद गडकरी जम्मू जाएँगे। कुशाभाऊ ठाकरे नगर में देश भर से जुटे पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों को संघर्ष का पाठ पढ़ाते हुए भाजपा के शीर्ष नेताओं ने तीखे तेवर दिखाए।
श्री आडवाणी ने कहा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए कि पाकिस्तान से निपटने हेतु उनकी सरकार की क्या योजना है और जम्मू -कश्मीर को लेकर उनकी क्या योजना है? साफ है शीर्ष नेतृत्व पर घमासान थमने के साथ ही भाजपा ने मनमोहन सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू दिया है। भाजपा को लग रहा है कि महँगाई और कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार पड़ सकती है। संघर्ष के जरिए भाजपा का दूसरा लक्ष्य अपने प्रति जनता के बीच पुनः विश्वास पैदा करना है। (नईदुनिया)