आमिर खान अपनी फिल्मों के चयन को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं। सैकड़ों स्क्रिप्ट पढ़ते हैं और बमुश्किल किसी एक के लिए हां कहते हैं। वर्ष 2000 के बाद उन्होंने बहुत कम फिल्में की और जो भी की उनमें से ज्यादातर को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली। आमतौर पर फिल्म रिलीज होने के पहले सारे कलाकार नर्वस हो जाते हैं, आमिर भी होते हैं, लेकिन साथ ही वे अपनी फिल्म की सफलता के प्रति आशान्वित भी रहते हैं। उनकी आगामी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' 11 अगस्त को रिलीज हो रही है। इस फिल्म पर उन्होंने कई वर्ष खर्च किए हैं और यह 'फॉरेस्ट गम्प' का ऑफिशियल हिंदी रीमेक है। आमिर को इस बात की चिंता नहीं है कि उनकी फिल्म अक्षय कुमार की फिल्म 'रक्षा बंधन' के सामने रिलीज हो रही है। चिंता इस बात की हो रही है कि सोशल मीडिया पर आमिर की फिल्म का बहिष्कार करने की बात चल रही है। ये बात सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से ही हो रही है, लेकिन अब इसने विकराल रूप ले लिया है। आमिर को भी डर सताने लगा है कि उनकी फिल्म का बहिष्कार किया जा सकता है।
क्यों हो रही है बहिष्कार की बात?
आमिर खान की पूर्व पत्नी किरण राव ने लभगभ 6-7 साल पहले कहा था कि भारत में रहने में उन्हें डर लगने लगा है। यह टिप्पणी सार्वजनिक रूप से की गई थी और आमिर ने इसका समर्थन किया था। यही से ट्रोलर्स को मौका मिल गया, लेकिन इसका असर आमिर की फिल्म 'दंगल' पर नहीं हुआ। हिंदी फिल्मों में सर्वाधिक कलेक्शन करने वाली फिल्मों की लिस्ट में दंगल का नाम सबसे ऊपर है। लेकिन तब और अब की स्थिति में बहुत परिवर्तन आ गया। सुशांत के नहीं रहने के बाद फिर आमिर के बयां वायरल होने लगे। आमिर खान के बयान के कई मतलब निकाल कर लोगों के मन में यह बात बैठा दी गई है कि आमिर को अपने देश से प्यार नहीं है इसलिए उनकी फिल्म न देखी जाए। हाल ही में कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें आम आदमी 'लाल सिंह चड्ढा' के बहिष्कार की बात कर रहा है।
फिल्म की नायिका करीना कपूर खान से भी लोग नाराज हैं। करीना ने भी एक शो में कुछ ऐसा कह दिया था जो लोगों को पसंद नहीं आया। वे अब इन दोनों को सबक सिखाने की सोच रहे हैं। बात बहुत ज्यादा बढ़ गई है और 'लाल सिंह चड्ढा' पर खतरा मंडराने लगा है। ये फिल्म अच्छी है या बुरी, ये रिलीज के पहले कहा नहीं जा सकता, लेकिन आमिर की फिल्मों को जिस तरह की ओपनिंग लगती है, वो बिगड़ सकती है। आमिर डैमेज कंट्रोल में लगे हुए हैं, लेकिन अब काफी देर हो गई है। स्थिति बिगड़ने के पहले ही उन्हें नियंत्रित करना थी। सोशल मीडिया अब बड़ी ताकत है। गलत बातें भी जनमानस के दिमाग में सच बन कर घुस जाती है। गहरे पैठ जाती है और जिसे निकालना अत्यंत मुश्किल होता है। आमिर ने फिल्म चुनने में तो सावधानी बरती, लेकिन बात कहने में वो सावधानी नहीं बरत पाए, जिसका खामियाता उन्हें भुगतना पड़ सकता है।