भारतीय जासूसों पर बनी 13 बेस्ट बॉलीवुड फिल्में

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जासूसों को हमेशा से ही देश के लिए जान लेने और देने वाला ऐसा देशभक्त माना जाता है जो अपनी जान की परवाह न करते हुए अकेले ही दुश्मनों के मंसूबे नाकाम कर देता है। फिलहाल कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान द्वारा रॉ का एजेंट बता कर फांसी की सजा सुनाई गई है। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ, आईबी में काम करने वाले अनाम एजेंटों पर बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं। ये सीक्रेट एजेंट्स दुश्मन देश की जासूसी करते हैं और उनके षड्यंत्र को विफल करते हैं या फिर दुश्मनों को मार गिराते हैं। इस तरह की फिल्मों में हिट होने का अपार मसाला मौजूद रहता है। हाल ही के दिनों में कई  फिल्में ऐसी बनी हैं जो वास्तविकता के निकट भी थी। वैसे इस तरह के प्रयास बहुत पहले से हो रहे हैं। 
 
मद्रास कैफे 
सुजीत सरकार की मद्रास कैफ एक रॉ एजेंट पर बनी बेहतरीन फिल्म है। इस पॉलिटिकल थ्रिलर का ताना-बाना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या और उसमें लिट्टे की भूमिका के इर्दगिर्द बुना गया है। जॉन अब्राहम के करियर की इसे सबसे बेहतरीन फिल्म कहा जा सकता है। फिल्म में बारीकी से हर बात को पेश किया गया है और यह वास्तविकता के निकट लगती है। 
 
डी डे 
इस फिल्म का निर्देशन निखिल आडवाणी ने किया था। इरफान खान ने इसमें रॉ के स्पेशल एजेंट की भूमिका निभाई थी जो पाकिस्तान में डी कंपनी के हर कदम पर नजर रखता है। इस फिल्म को चर्चा तो खूब मिली थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। थ्रिलर के शौकीनों को यह फिल्म पसंद आई थी। 
 
आंखें 
धर्मेन्द्र को लेकर रामानंद सागर ने बड़े बजट की फिल्म 'आंखें' बनाई जिसमें जासूसी को प्रमुखता से दर्शाया गया। शानदार विदेशी लोकेशन, ही-मैन धर्मेन्द्र और जानदार स्क्रिप्ट के कारण यह फिल्म सुपरहिट रही और उस दौर में यह अनूठे विषय के कारण खासी सराही गई। 

एक था टाइगर 
एक था टाइगर को रवीन्द्र कालिया के जीवन से प्रेरित फिल्म बताया जाता है। फॉर्मूला फिल्मों से ऊब कर सलमान ने रॉ के अंडर कवर एजेंट की भूमिका इस फिल्म में निभाई थी जो एक एनआरआई ‍वैज्ञानिक की गतिविधियों पर नजर रखता है और उसे पता चलता है कि उसकी जो केअरटेकर है वह उसके जैसा ही काम पाकिस्तान के लिए करती है। कबीर खान द्वारा निर्देशित यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। 
 
द ग्रेट गैम्बलर 
यूरोप में फिल्माई गई 'द ग्रेट गैम्बलर' में अमिताभ बच्चन ने अंडरकवर कॉप की भूमिका निभाई थी जो बदमाशों से कांफिडेंशियल डॉक्यूमेंट हासिल करने की कोशिश करता है जिसके कारण देश की सुरक्षा को खतरा है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही थी। 
 
जॉनी मेरा नाम 
विजय आनंद द्वारा निर्देशित इस फिल्म को क्लासिक माना जाता है। देव आनंद ने इसमें अंडरकवर सीआईडी एजेंट की भूमिका निभाई थी जो प्रेमनाथ द्वारा की जा रही अवैध गतिविधियों पर नजर रखता है। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। 

बेबी 
एक्शन स्पाय थ्रिलर 'बेबी' में रॉ के काम करने की शैली को बारीकी से निर्देशक नीरज पांडे ने दिखाया था। सीक्रेट एजेंट्स की एक टीम 'बेबी' नाम से बनाई जाती है जो उन आतंकियों को नष्ट करती है जो भारत पर हमला करने की योजना बना रहे थे। अक्षय कुमार ने अंडरकवर एजेंट अजय सिंह राजपूत की भूमिका निभाई थी। फिल्म को काफी सराहा गया, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षानुरूप सफलता नहीं मिली। 
 
सुरक्षा
मिथुन चक्रवर्ती अभिनीत फिल्म 'सुरक्षा' अब बी-ग्रेड जैसी फिल्म लग सकती है, लेकिन उस दौर में कम बजट में एक जेम्स बांड नुमा फिल्म बनाने का प्रयास किया गया था। एजेंट गनमास्टर जी-9 बन मिथुन ने धमाल मचाया था। रोमांस, कार चेज़ सीन, एक्शन इस फिल्म की खासियत थे और फिल्म को खासी सफलता भी मिली थी। 
 
फर्ज 
जीतेन्द्र को जंपिंग जैक 'फर्ज' के बाद ही कहा जाने लगा। रविकांत नगाइच द्वारा निर्देशित 'फर्ज' में जीतेन्द्र ने सीक्रेट एजेंट 116 का रोल अदा किया जो अपने साथी की मौत का राज पता लगाता है। फिल्म हिट रही थी और जीतेन्द्र के पैर मजबूती से जमाने में इस फिल्म ने अहम रोल निभाया। 

नाम शबाना 
बेबी के एक किरदार को लेकर 'नाम शबाना' बनाई गई। महिला सीक्रेट एजेंट पर बनी यह बॉलीवुड की पहली फिल्म मानी जा सकती है। सीक्रेट एजेंट बन कर वह अपने पहले ही मिशन में किस तरह कामयाब होती है यह फिल्म में दिखाया गया। तापसी पन्नू ने फिल्म में शबाना का किरदार निभाया। 
 
एजेंट विनोद 
श्रीराम राघवन ने सैफ अली खान को लेकर एजेंट विनोद बनाई जो कोड क्रेक करते-करते पाकिस्तान जा पहुंचता है। फिल्म स्टाइलिस्ट थी और कई लुभावने क्षण भी फिल्म में थे, लेकिन समग्र रूप से यह फिल्म प्रभावित नहीं कर पाई। 
 
द हीरो- लव स्टोरी ऑफ ए स्पाय 
अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित यह फिल्म अपने समय की सबसे महंगी फिल्म थी। सनी देओल एक कवर्ट ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। कश्मीरी लड़की प्रीति जिंटा, सनी की सहायक बन दुनिया को न्यूक्लियर बम हमले से बचाने में मदद करती है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही थी। 
 
फैंटम 
हुसैन जैदी की किताब 'मुंबई एवेंजर्स' पर आधारित इस फिल्म में सैफ अली खान लीड रोल में थे। इस फिल्म में रॉ एक ऐसे कवर्ट ऑपरेशन को अपने एजेंट के जरिये अंजाम देता है जो 26/11 मुंबई टेरर अटैक के पीछे मास्टर माइंड थे। फिल्म की थीम बेहतरीन थी, लेकिन प्रस्तुतिकरण में थोड़ी कसर रह गई।

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