कपिल का नया शो : नया नाम, बासी काम

सिर्फ चैनल बदल गया है। सेट में थोड़ा बदलाव हुआ है। कलाकारों के थोड़े हुलिए बदल गए हैं, लेकिन कंटेंट पुराने जैसा ही है। जिस वजह से 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' अपनी धार खो रहा था, वहीं से 'द कपिल शो' शुरू हुआ है। बासी कढ़ी में फिर उबाल लाने की कोशिश घिसे-पिटे जोक्स के सहारे की जा रही है। 
 
फूहड़ता इस शो में भी हावी है। महिलाओं के वेष में पुरुष छिछोरी हरकत करते हैं और मुफ्त में मिले माल को दर्शक देख कर हिट बना देते हैं। कीकू शारदा और अली असगर को महिला पात्र इसलिए दिए गए है ताकि वे उन सीमाओं को लांघ सके जो महिला कलाकार नहीं लांघ सकती। वे मेहमान बन कर आए बॉलीवुड स्टार्स से लिपट-चिपट कर तमाम ऐसी हरकते करते हैं और अपनी फिल्म के प्रचार के लिए आए ये सितारे खिसियाई हंसी को चेहरे पर लाते हुए सब सहते हैं। समझ में नहीं आता है कि शाहरुख खान सुपरस्टार हैं या कपिल शर्मा क्योंकि सब कुछ कपिल की इच्छा के अनुरूप होता है। 
कपिल भी हीरोइन से चिपटने का कोई मौका नहीं छोड़ते। प्रत्येक एपिसोड में वे इस तरह की हरकत दोहराते रहते हैं और शायद गिनती गिन रहे होंगे कि दीपिका से इतनी बार लिपट लिया और करीना से इतनी बार। 
 
महिलाओं का लगातार अपमान किया जाता है। मोटी और बदसूरत महिलाओं का मजाक बनाया जाता है। सिमोन चक्रवर्ती की तो हर संवाद में हंसी उड़ाई जाती है। किसी भी व्यक्ति की शारीरिक अक्षमताओं को लेकर कॉमेडी करना सही बात नहीं है। 
 
ज्यादातर दर्शकों को पहले से सवाल दे दिए जाते हैं जो अजीबोगरीब होते हैं। उनके नहले (सवाल) पर कपिल दहला (जवाब) मारकर हाजिर-जवाब होने का नाटक करते हैं। ज्यादातर चुटकुले पति-पत्नी को लेकर होते हैं। पत्नियों से पति परेशान हैं। या शादी को बहुत वर्ष हो गए तो पत्नी में आकर्षण नहीं रहा। विपरित लिंग के इर्दगिर्द कपिल के जोक्स घूमते हैं और इस सोच से वे बाहर ही नहीं आ रहे हैं या आना ही नहीं चाहते। 
 
शो के शुरुआत में किसी भी विषय को लेकर कपिल जो व्यंग्य बोलते हैं, वहीं हिस्सा ठीक होता है, वरना सिद्धू को बेसिर-पैर बातों पर ठहाका लगाते देखना आश्चर्य पैदा करता है। सिद्धू साहब को तो इसी काम के पैसे मिल रहे हैं। फिल्म सितारे तो लगता है कि यहां हंसी के नाम पर मजाक बनने के लिए ही आते हैं। 
 
लगा था कि कपिल बदलाव लेकर आएंगे, लेकिन वे उसी ढर्रे पर चलना पसंद कर रहे हैं। 

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