ट्रेलर की शुरुआत एक जोरदार डायलॉग से होता है- 'अम्मीजान कहती थी कि कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।' यह डायलॉग ही फिल्म की कहानी की को बयां कर देता है। फिल्म में जोरदार डायलॉगबाजी सुनने को मिलेगी। एक और संवाद उम्दा है- 'गुजरात की हवा में व्यापार में है साहेब, मेरी सांस तो रोक लोगे, लेकिन इस हवा को कैसे रोकोगे?' निश्चित रूप से इस तरह के संवादों में सिनेमाहॉल में सीटियां बजेंगी।
शाहरुख खान एक एक्शन रोल में देखना उनके फैंस के लिए दिलचस्प होगा। लंबे समय बाद वे इस तरह का रोल निभा रहे हैं। उनके सामने नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसा दमदार कलाकार पुलिस ऑफिसर के रूप में हैं। एक तरफ बड़ा स्टार और दूसरी तरफ बड़ा कलाकार, मुकाबला दिलचस्प होगा।
फिल्म की कहानी, किरदार और माहौल ऐसा है जो सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर के दर्शकों को बहुत पसंद है। यह दर्शक वर्ग पिछले कुछ समय से शाहरुख की फिल्मों से दूर है और 'रईस' के जरिये फिर शाहरुख के पास लौट सकता है।