संजय दत्त : खलनायक से नायक!

वो दौर बीत चुका है जब जेल से छूटने के बाद आदमी शर्म के मारे घर नहीं जाकर कहीं और चला जाता था। घर भी जाए तो सभी से आंखें चुराता था। अब जेल से छूटने पर नेताओं का ऐसा स्वागत होता है मानो वे जंग जीतकर आए हो। एक नेता के छूटने पर चार सौ कार का काफिला उन्हें लेने गया। अब तो होर्डिंग भी लगाएं जाते हैं कि फलां नेता के जेल से छूटने पर स्वागत। यह भी माना जा सकता है कि जेल में आदमी ने अपने किए की सजा काट ली है और उसे अपराधी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। 
 
बॉलीवुड स्टार संजय दत्त भी आजाद हैं। दरअसल संजय दत्त अपने दोस्तों में बेहद लोकप्रिय हैं। यारों के यार हैं। अपने दोस्तों पर अंधविश्वास करने का नतीजा ही उन्हें भुगतना पड़ा। ये यार बेसब्र हैं संजू बाबा के स्वागत के लिए। संजय का भी जोरदार स्वागत होगा। फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों का मानना है कि संजय ने अपने किए से ज्यादा ही भुगता है। संजय अपनी ओर से पार्टी देकर अपने लौटने की ‍खुशियां लोगों के साथ मना सकते हैं। 
 
संजय ने अपने किए की सजा भुगत ली है। जरूरी है कि वे नए सिरे से शुरुआत करें। वे गलतियां ना दोहराएं जिनकी वजह से उन्होंने अपने माता, पिता, बहन, पत्नी, बच्चों और करोड़ों प्रशंसकों के दिल दुखाए हैं। हीरो बनने की उम्र भले ही नहीं रही हो, लेकिन चरित्र अभिनेता के रूप में संजय बेहतरीन तरीके से फिल्म कर सकते हैं। 
अपनी पत्नी मान्यता की बात संजय अच्‍छे से मानते हैं। उन्हें लगता है कि मान्यता में अच्छा-बुरा देखने की वो दृष्टि हैं जो संजय के पास नहीं है। मान्यता ने संजय के इर्दगिर्द उन यार-दोस्तों की भीड़ छांट दी है जो केवल मतलब के लिए जमा होते थे। मान्यता अपने घरेलू बैनर तले बतौर निर्माता कुछ फिल्में बनाना चाहती हैं और संजय उनकी इस काम में मदद करेंगे। 
 
संजय दत्त के जीवन पर राजकुमार हिरानी भी फिल्म बनाने जा रहे हैं। इस फिल्म में कुछ ऐसी बातें देखने को मिलेंगी जिनके बारे में आम लोग बहुत कम जानते हैं। 
 
बढ़ती उम्र और सजा ने निश्चित रूप से संजय को बदल दिया होगा। जिंदगी के प्रति उनका नजरिया बदला होगा। अब वे ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहेंगे जिसके कारण वे परेशानियों में घिरे। जश्न का दौर कुछ दिनों में समाप्त हो जाएगा। उसके बाद अपनी इमेज को बदलना संजय के हाथ में ही होगा। खलनायक बन सजा उन्होंने भुगत ली है, अब आगे की राह नायक बनने की है। 

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