अगर मैं पद्मावत के लिए हां नहीं कहता तो भंसाली फिल्म नहीं बनाते

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' की चर्चा इस समय चारों ओर है। फिल्म की कहानी, निर्देशन, पद्मावती, खिलजी और राजा रतन सिंह जैसे किरदारों को एक्टिंग के द्वारा जीवित करना कोई आसान बात नहीं। फिल्म में इन सभी के अलावा अगर कुछ बहुत ज़्यादा पसंद किया गया है तो वो है तिकड़ी शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की कलाकारी। जो भी फिल्म देखकर निकला फिल्म की तारीफ किए बगैर नहीं रह सका। 
 
तेज और खूबसूरती से वाली रानी पद्मिनी का किरदार दीपिका पादुकोण ने, घातक और कुख्यात अलाउद्दीन खिलजी का किरदार रणवीर सिंह ने निभाया। वहीं बहादुर और महान महाराज रतन सिंह का किरदार शाहिद कपूर द्वारा निभाया गया। 
 
बॉलीवुड में अगर दीपिका और रणवीर साथ हो तो किसी और के बारे में बात होना संभव नहीं है। लेकिन यह भ्रम तोड़ते हुए राजा रतनसिंह की भूमिका के लिए शाहिद कपूर ने बहुत तारीफ पाई है। खिलजी जैसे किरदार के आगे अपनी पहचान बनाना एक कॉम्पिटिशन जैसा ही था। 
 
शाहिद कपूर बढ़िया कलाकार हैं। उन्होंने हमेशा से शांत और सूझ-बूझ वाले रोल किए हैं। उनकी यह छवि उन्होंने हैदर और उड़ता पंजाब जैसी फिल्मों से बदली है। इस बारे में शाहिद का कहना है कि हैदर और उड़ता पंजाब जैसी फिल्में में अलग रोल करने के बाद मैं ऐसे कैरेक्टर को लेने से नहीं डरा जो कि बहुत अलग हों। एक एक्टर के तौर पर राजा रतन सिंह के कैरेक्टर में आना महत्वपूर्ण था, वरना यह फिल्म इसकी अच्छाई से अलग हो जाती। 
 
सिर्फ फिल्म को ही नहीं, शाहिद को भी उनकी परफॉर्मेंस के लिए बेहतरीन प्यार मिल रहा है। उनकी भूमिका फिल्म में बाकी दोनों कलाकारों से कम थी और इसलिए ही शाहिद को यह रोल काफी चैलेंजिंग लगा। 
 
शाहिद ने कहा कि मैंने अब तक जितने भी किरदार निभाएं उन सबसे ये सबसे कठिन था। मैं भंसाली जी के साथ काम करना चाहता था और उन्होंने मुझे बताया कि अगर मैं यह रोल नहीं करता हूं तो वो फिल्म नहीं बना पाएंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी ऐसे हीरो की ज़रूरत थी जो उनके मजबूत खलनायक के सामने टिक पाए। 
 
जब फिल्म के प्रोमो रिलीज़ हुए तब लोगों को मेरा पार्ट समझ नहीं आया था लेकिन फिल्म की रिलीज़ के बाद उन्होंने मेरे पार्ट को सराहा है और मुझे इतना प्यार दिया, मुझे लगता है कि मैं फिल्म स्वामित्व ले सकता हूं। हालांकि मेरा किरदार स्क्रीन पर छोटा था लेकिन मुझे पता है कि रतन सिंह का फिल्म में बड़ा प्रभाव था। 
 
शाहिद अगर किसी फिल्म पर भरोसा करते हैं तो वे अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर उसके लिए काम करते हैं। शाहिद ने बताया कि सभी तरह के रोल करने के बाद मुझे ऐसा रोल चाहिए था जिसमें मैं खुद को और आगे बढ़ाने की कोशिश करूं। मैं एक्टर के रूप में खुद को सिक्योर मानता हूं और मैं चाहता हूं कि लोग मेरा अच्छे से अच्छा काम देखें। इसके लिए अलग फिल्में करना ज़रूरी था। 
 
रतन सिंह हीरो थे और मुझे हमेशा उनका किरदार निभाने पर हमेशा गर्व रहेगा। मैं फिल्म हर राजपूत पुरुष और महिला को डेडिकेट करता हूं। मेरे पास एक बड़ी जिम्मेदारी है। पद्मावत मेरी सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक है। 

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