ज़ीरो की बबीता मेरे जैसी नहीं है। वैसे भी रील और रियल में बहुत अंतर होता है। असल ज़िंदगी में कुछ घटनाएं ऐसी घट जाती हैं जिन्हें आप पर्दे पर देखना भी पसंद नहीं करेंगे। मुझे जब ये रोल दिया गया तो मुझे कुछ ऐसा ही लगा। इस रोल के साथ मैंने सीखा कि आपको असलियत भी इस तरह से दिखानी होगी लोगों को वो कैरेक्टर अपना सा लगे। वो रिलेट कर सकें। अब ये कितनी खूबसूरती से होगा, यहां निर्देशक की बुद्धिमत्ता काम आती है और आनंद ने वो काम बखूबी किया भी है।"
अपने रोल बबीता कुमारी को लेकर कैटरीना कुछ इस तरह से रोमांचित हैं कि खुद शाहरुख ने अपने इंटरव्यू में कहा कि आमतौर पर चुप रहने वाली या कम बोलने वाली कैटरीना ने शायद पहली बार अपने रोल के बारे में इतना खुल कर कहा है। कैटरीना ने ज़ीरो के बारे में और अपने जीवन को बारे में कई बातें वेबदुनिया संवाददाता रूना से साझा की।
कैटरीना बताती हैं "मेरे किरदार को पूरी दुनिया का प्यार मिला है, लेकिन वो अपनी दुनिया में अकेली है। वह किसी पर भरोसा नहीं कर पाती है। उसे दर्द भी हो रहा हो तो वो दो-तीन जोक्स सुना सबका ध्यान अपने पर से हटा लेती है। ऐसे में उसकी ज़िंदगी में बऊआ आता है और पाता है कि बबीता की ज़िंदगी बिल्कुल वैसी नहीं है जैसी उसने सोची थी। उसे बबीता के रूप में वो सपना मिल जाता है जो उसने सोचा भी नहीं था, जबकि बबीता को कोई ऐसा मिल जाता है जिसके सामने वो बिना सोचे समझे बात कर सके और उसे लगता है कि बऊआ उसकी बातों को तोलने वाला नहीं है।"
आम लोग आपकी ज़िंदगी में या मीडिया आपकी ज़िंदगी में झांकती है तो कोई परेशानी होती है?
हम अगर ये सोचें कि मीडिया को ऐसा नहीं करना चाहिए या कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए तो ये सही नहीं है क्योंकि आज का ज़माना ही ऐसा है। हमें समझ में आता है कि ये उनकी प्रोफेशन की डिमांड है वो नहीं करेंगे तो कोई और कर लेगा, लेकिन हमारे हाथ में ये है कि हम उस बात को किस संजीदगी से लेते हैं। मैं उन बातों में खुद को कितना कैद कर लेती हूं। सलमान की बात करें तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई क्या कह रहा है। मुझे अभी भी ये लगता है कि मैं ठीक पेश आऊं जबकि मुझे ये मालूम है कि आप हर समय पर्फेक्ट नहीं हो सकते। एक दिन आप पर्फेक्ट दिखेंगे और एक दिन ऐसा भी होगा कि आप बहुत अच्छे नहीं दिखेंगे। ये तो होना ही है।
क्या आपको स्टारडम डराता है? इसके उतार चढ़ाव से आप घबराती हैं?
सभी के अपने अपने डर होते हैं। हर एक्टर की तरह मुझे भी डर लगता है कि फिल्म चलेगी या नहीं? लोगों को मैं पसंद आऊंगी या नहीं? या कब तक लोग मुझे देखना चाहेंगे? लेकिन इसके अलावा अपनी ज़िंदगी की अगर बात सोचूं तो लगता है कि आज मेरे लिए ये ज़रूरी है कि आगे की मेरी ज़िंदगी कैसी होगी। इसके बाद क्या करूं कि मेरी ज़िंदगी में शांति बनी रहे।
आज जब नई लड़कियां आ रही हैं तो कभी असुरक्षा की भावना आती है?
कई नई लड़कियां आ रही हैं और बेहतरीन काम कर रही हैं, लेकिन मुझ पर इसका कोई असर नहीं है। मैं तो चाहती हूं कि वे आएं और अच्छा काम करें। इंडस्ट्री में बहुत काम है और सबके लिए अपनी एक जगह बनी हुई है। मुझे कभी अवसरों की कमी नहीं रही। भगवान के आशीर्वाद से मैंने अच्छी फिल्मों में काम किया है और आगे भी करती रहूंगी। असुरक्षा तब हो जब मेरे पास काम नहीं हो। तब मैं डरूं कि कोई मेरा काम न छीन ले। अब 'ज़ीरो' की ही बात करूं तो रोल बहुत दमदार है। अगर मैंने अच्छे से निभाया तो बात है। इस बात से क्या मतलब कि इस साल एक नया चेहरा आया या कोई नया चेहरा नहीं आया। मैंने अपने रोल से कितनी न्याय किया ये बात ज़्यादा अहम होगी।
ज़ीरो की प्रेस कांफ्रेंस में शाहरुख ने कहा था कि आप सबको बड़ी जल्दी माफ कर देती हैं।
जब शाहरुख उस दिन ये बोले तो मैं भी सोच में पड़ गई कि ऐसा है क्या? फिर बाद में लगा कि वह सही बोले। मैं बहुत जल्दी लोगों को माफ कर देती हूं।
आप गणित में कैसी हैं?
मत पूछो। बहुत बुरी हूं। मैं तो कभी-कभी परेशान हो जाती हूं कि क्यों मुझे आंकड़ों की बात समझ नहीं आती? लेकिन फिर सोचती हूं कि कभी उस तरह सोचा ही नहीं।