मैं तो बचपन से जंगली हूं : साकिब सलीम

'दिल जंगली' एक ऐसी फिल्म है जिसमें हमने टिपिकल लव स्टोरी का सारा घिसा-पिटा नाटक निकाल दिया है। इसमें आपको ऐसा लगेगा, जैसे कि आप अपने आसपास में रहने वाले किसी की लव स्टोरी देख रहे हैं। ये दोनों यानी कोरोली और सुमीत को मालूम है कि वे एक-दूसरे को प्यार करते हैं लेकिन दोनों को ही ये मालूम नहीं कि अब क्या करना है। उन्हें ये ही नहीं पता कि ये दोनों एक-दूसरे के लिए परफेक्ट हैं या नहीं? हमने बहुत ही मजाकिया और क्वर्की स्टाइल में फिल्म बनाई है।' यह कहना है फिल्म 'दिल जंगली' के मेन लीड साकिब सलीम का है, जो इस फिल्म में एक खालिस दिल्लीवाले का रोल निभा रहे हैं। 
 
आप तापसी और निर्देशक सभी दिल्ली के हैं। दिल्ली के क्या फ्लेवर देखने को मिलेंगे?
मैं और तापसी हम चाहे कितनी भी अंग्रेजी बोलना चाहें, हम तो दिल्ली वाले ही रहेंगे। तो कभी सोचा नहीं कि दिल्ली का फ्लेवर डालना है। हम बस जैसे हैं, वैसे ही पेश आ रहे थे। हमने कोशिश की है कि कैरेक्टर जैसा है, वैसे रहें। सुमीत जैसे लड़के मैंने अपनी जिंदगी में बहुत देखे हैं। एक लड़का जिसे जिम जाना पसंद है या जिसे एक्टर बनना है। एक तरीके से मैं भी तो वैसा ही हूं। फिल्म लाजपत नगर में बेस्ड है और मैं बचपन में लाजपत नगर के बहुत पास रह चुका हूं तो मुझे कैरेक्टर के सुर की समझ आ गई थी।
 
बचपन का कोई जंगलीपना याद है?
मैं तो बचपन से ही जंगली हूं। मेरी तो फिल्मों का चॉइस देख लो या कोई भी काम देख लो, मैंने हमेशा जंगलीपना ही निभाया है। मेरी और मेरी बहन हुमा की लड़ाइयां भी बहुत जंगली होती हैं।


 
आपकी हीरोइन तापसी पन्नू के साथ काम करना कैसा रहा?
पिंक और नाम शबाना के बाद उनकी इमेज अलग हो गई है लेकिन मुझे वे हमेशा बहुत अच्छी लगी हैं। मैं उन्हें टीपी या पिन्नी बुलाता हूं। वे बहुत रीयल लड़की हैं और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। हमने हंसते-हंसते कब ये फिल्म कर दी, मालूम भी नहीं पड़ा। मैंने तापसी से कहा था कि तुम्हारी फिल्म अच्छी चलने लगी है, तुम्हें अब इस तरह फलां तरीके से पेश आना चाहिए। लेकिन तापसी आज भी वैसी ही हैं, जैसी वे पिंक के पहले थीं।
 
साकिब सलीम और तापसी पन्नू की फिल्म 'दिल जंगली' 16 फरवरी को रिलीज हो रही है।

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