यह फिल्म सफल रही। भारत भूषण को उत्तम अभिनय के लिए सराहा गया। इसके बाद वे फिल्म 'भाईचारा' के नायक बने। यह फिल्म आर्थिक कठिनाइयों के कारण पूरी न हो सकी। विभाजन तथा साम्प्रदायिक दंगों के कारण वे बंबई आकर अपना भविष्य तलाशने लगे। यहां काफी संघर्ष के बाद उन्हें केदार शर्मा की फिल्म 'सुहागरात' (1948) में नायक की भूमिका मिली। नायिका थीं गीताबाली।
इसके बाद वे 'चकोरी' (1949) में नलिनी जयवंत के नायक बने। इस बीच उनके भाई आर. चन्द्रा ने फिल्म निर्माता के रूप में 'बेबस' (1950) का निर्माण किया। भारत भूषण के साथ पूर्णिमा को नायिका के रूप में लिया। यह फिल्म फ्लॉप हो गई। भारत भूषण ने बाद में 'ठेस', 'जन्माष्टमी', 'आंखें' आदि फिल्मों में काम किया।
निर्माता-निर्देशक विजय भट्ट ने विख्यात गायक 'बैजू बावरा' पर फिल्म निर्माण का फैसला किया। नायिका के रूप में नरगिस को प्रस्ताव दिया, मगर अन्यत्र व्यस्त रहने के कारण मीना कुमारी को नायिका बनाया गया। सन 1952 में प्रदर्शित यह फिल्म सुपरहिट रही। संगीतकार नौशाद की रचनाओं ने उसे अमर बना दिया।
उसके बाद भारत भूषण चरित्र अभिनेता के रूप में परदे पर आते रहे। दूरदर्शन पर प्रसारित कई धारावाहिकों में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिकाएं कीं। हिंदी फिल्मों के अतिरिक्त उन्होंने गुजराती, भोजपुरी तथा पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। 27 जनवरी 1992 को इस 'कवि-शायर' अभिनेता का निधन हुआ।
प्रमुख फिल्मे:
* भक्त कबीर, भाईचारा * सुहागरात (1948) * चकोरी (1949) * बेबस (1950) * ठेस, जन्माष्टमी, आंखें, सगाई (1951) * दानापानी, फरमाइश, लड़की, पहली शादी, चैतन्य महाप्रभु (1953) * औरत तेरी यही कहानी, कवि, मिर्जा गालिब (1954) * बसंत बहार (1956) * चम्पाकली, गेट वे ऑफ इण्डिया (1957) * फागुन, सम्राट चन्द्रगुप्त, सोहनी महिवाल (1958) * कवि कालिदास, रानी रूपमती, सावन (1959) * अंगुलीमाल, बरसात की रात, घूंघट (1960) * ग्यारह हजार लड़कियां, संगीत सम्राट तानसेन (1962) * जहांआरा, चांदी की दीवार (1964) * नूरजहां (1967) * घर संसार, सिंहासन (1986)