मुंबई पुलिस डिपार्टमेंट में काम करने वाले चतुर सिंह टू स्टार (संजय दत्त) को लगता है कि वह सब कुछ जानता है, जबकि हकीकत यह है कि वह आला दर्जे का बेवकूफ है। कोई केस जब भी सुलझाने के लिए उसे दिया गया, अपनी मूर्खता के कारण उसने और उलझा दिया तथा हँसी का पात्र बना। अपनी टीम को कई बार अपमानित कराने के बावजूद उसे डिपार्टमेंट का सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा मामला सौंपा जाता है।
चतुर सिंह के सामने अपने आपको काबिल ऑफिसर साबित करने का हसीन मौका आता है। सीक्रेट मिशन के लिए वह दक्षिण अफ्रीका रवाना हो जाता है और कई लोगों की मुसीबतों का कारण बनता है। उसकी हरकतें दूसरों के लिए खतरनाक साबित होती हैं। अपने मिशन को वह कैसे पूरा करे, उसकी समझ में नहीं आता है। फिर भी सोनिया (अमीषा पटेल) की मदद से वह सही दिशा में आगे बढ़ता है लेकिन उसका मसखरापन और "सुपर इंटेलिजेंस" कई हास्यास्पद घटनाओं को जन्म देता है। गड़बड़ियाँ होती हैं। गलतफहमियाँ होती हैं।
अपराधी भाग रहे हैं और चतुर उनका पीछा कर रहा है। मामले को और मसालेदार बनाने के लिए पप्पू पेंथर (सुरेश मेनन) भी मौजूद है। इस केस में वह चतुर सिंह का राइट हैंड या कहना चाहिए "रांग हैंड" हैं। वह चतुर सिंह की पूजा करता है और उससे भी बड़ा बेवकूफ है। इस धमाचौकड़ी में चतुर सिंह कितना चतुर साबित होता है, यह फिल्म में हँसते-हँसाते दिखाया गया है।
निर्देशक के बारे में : अजय चंडोक को हास्य और मसालेदार फिल्म बनाना पसंद है लेकिन उनकी ज्यादातर फिल्मों ने बनने में काफी समय लिया या किसी-न-किसी कारण से अटकी रहीं और फ्लॉप हुईं। "नहले पे देहला" (2007), "किससे प्यार करूँ" (2009) और "टीम : द फोर्स" (2009) किसी भी तरह से प्रभावित करने में असफल रही हैं। "खलबली : फन अनलिमिटेड" अरसे से रिलीज होने की बाट जोह रही है। कुछ ऐसा ही हाल "चतुर सिंह टू स्टार" का भी है।