लव ब्रेकअप और पैच अप

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बी टाऊन का ये फसाना अगर प्रैक्टिकली देखा जाए तो बहुत अच्छा है। तेरी मेरी नहीं बनी, फिर भी काम में नहीं ठनी, वाला लहजा अपनाना यहाँ आम बात है। भले ही ऑफ स्क्रीन आप एक-दूसरे के खून के प्यासे हों, लेकिन ऑन स्क्रीन एक-दूसरे को देख ऐसे मुस्कुराएँगे कि जैसे कभी कुछ हुआ ही न था। बातों से भी यही दर्शाएँगे कि हमने तो कभी एक-दूजे के लिए कुछ बुरा कहा ही नहीं। अब आप रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण को ही ले लीजिए। कभी ये दोनों लगभग हर जगह एक-दूसरे के साथ हँसते-मुस्कुराते नजर आते थे। फिर न जाने क्या हुआ कि दोनों में तलवारें खिंच गईं।

दीपिका अपनी गर्दन पर बने "आर के" वाले टैटू को साथ लिए ही सिद्धार्थ माल्या के संग हँसती-मुस्कुराती दिखाई देने लगीं और रणबीर के पास तो दीपिकाओं की कोई कमी ही नहीं थी। फिर एक शो में अचानक दीपिका ने मुखर होते हुए रणबीर की खासी खिंचाई कर डाली। उनका साथ दिया बड़बोली सोनम कपूर ने जिनका कि खुद का नाम कभी रणबीर के साथ जोड़ा गया था। दोनों की छींटाकशी पर रणबीर तो नहीं लेकिन उनके पप्पा जरूर उखड़ गए और आपा खो बैठे। खैर... ये मामला अब ठंडा हो गया है।

यही नहीं रणबीर और दीपिका बाकायदा साथ में एक फिल्म भी कर रहे हैं। रणबीर ने तो एक इंटरव्यू में कह भी दिया कि दीपिका उनकी जिंदगी में पहले भी महत्वपूर्ण स्थान रखती थीं और आगे भी रखेंगी तथा उनके बीच सबकुछ सुलझ चुका है। इसी तरह रणबीर ने सोनम को भी अपने अच्छे दोस्तों में से बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में वे सोनम के साथ भी काम जरूर करेंगे। हालाँकि इस तरह के मामले में रणबीर की चचेरी बहनें इतनी प्रैक्टिकल नहीं हैं।

शाहिद से ब्रेकअप के बाद न तो करीना ने उनके साथ कोई फिल्म करने में रुचि दिखाई न ही शाहिद इसके लिए आगे आए। हालाँकि शाहिद प्रियंका के साथ यही रवैया नहीं दोहरा पाए क्योंकि उनके बीच 'कुछ पकने' की खबरें आग पकड़ती इससे पहले ही उनके ब्रेकअप की खबरें आने लगीं और इन खबरों को तूल मिलता इससे पहले ही दोनों फिर से दोस्त बन गए। यानी देखा जाए तो पिगी चॉप्स इन मामलों में सबसे ज्यादा माहिर और डिप्लोमेट है। वे तेजी से रिश्ते बनाती हैं, उन्हें तोड़ती हैं और फिर जोड़ लेती हैं।

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रिश्ते बनाने और तोड़ने में हालाँकि अपने सल्लू भाई भी पीछे नहीं हैं लेकिन वो भावुक भी हैं और दिल से काम लेते हैं। उनके दिल को कोई ठोस पहुँचाए तो वे उसे माफ कम ही कर पाते हैं। फिर चाहे वो शाहरुख हों, आमिर हों या फिर ऐश्वर्या। लेकिन कैटरीना इस कहर से बची रहीं। अब चाहे इसे कैटरीना का चीजों को प्रोफेशनल तरीके से हैंडल करने का गुण कहें या कुछ और हकीकत तो ये है कि सलमान से दूरियाँ बना लेने के बावजूद वे उनके साथ आइटम नंबर करती रहीं और अब "एक था टाइगर" भी कर रही हैं।

यह खबरें अभी ही आम हुई हों ऐसा भी नहीं है। भव्य क्लासिक मुगलेआजम के समय यूँ ऑफस्क्रीन मधुबाला और दिलीप कुमार में जबरदस्त ठनी हुई थी लेकिन ऑनस्क्रीन उन दोनों ने ही इस तरह काम किया कि किसी को यह यकीन ही नहीं हो सकता था कि यही मधुबाला और दिलीप शॉट ओके होने के बाद दो ध्रुवों की तरह एक-दूसरे से मुँह फेर लेते हैं। ऐसे और भी कई उदाहरण गिनाए जा सकते हैं। जैसे हाल ही में अलग हुए जॉन-बिपाशा भी लोगों से यही कहते आ रहे हैं कि वे दोनों अच्छे दोस्त हैं और अगर उन्हें एक साथ कोई फिल्म ऑफर की गई तो वे जरूर करेंगे। हालाँकि मुद्दा यह है कि उन दोनों को एक साथ तो छोड़िए, अलग-अलग ही कौन फिल्म ऑफर करने आ रहा है।

बिपाशा को तो शायद फिर भी थोड़ा-बहुत काम मिल जाए पर जॉन...? असल में यह बॉलीवुड का सख्त प्रोफेशनल रवैया है। यहाँ आने के बाद आपको पता चलता है कि "फलाँ " से दुश्मनी मतलब करियर की तबाही और "अलाँ " से दोस्ती मतलब फायदे का सौदा। इसके चलते ही कई खेमे भी बन जाते हैं। हालाँकि ऐसे किसी एक खेमे में शामिल होने का मतलब खुद को सीमाओं में बाँध लेना भी होता है क्योंकि आप अपोजिट खेम के लिए फिर काम नहीं कर सकते लेकिन समझदार लोग इस समय डिप्लोमेसी से काम लेते हैं और सबसे बनाए रखते हैं।

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