आरक्षण के मामले पर सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष को नोटिस
जाने-माने फिल्म निर्देशक प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ के प्रदर्शन से पूर्व उसे अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष प्रदर्शित करने के निर्देश की अनदेखी करने और फिल्म को यू/ए प्रमाणन देने को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन को नोटिस भेजा है।
अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी एल पुनिया ने कहा, ‘‘ आयोग ने 29 जून और 13 जुलाई को नोटिस जारी कर फिल्म निर्माता प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ को आयोग के समक्ष प्रदर्शित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन बोर्ड ने आयोग के निर्देश पर कोई कार्रवाई नहीं की। आयोग ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन को नोटिस जारी कर 20 जुलाई 2011 को उपस्थित होकर अपना मत रखने का निर्देश दिया है।’’
पुनिया ने कहा, ‘‘आयोग इस फिल्म को प्रसारित होने से पहले देखना चाहता है ताकि फिल्म को लेकर विवाद या भ्रम की स्थिति पैदा न हो।’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी ने हालांकि स्पष्ट किया है कि दलित, पिछडा वर्ग और अन्य सभी समुदायों के विचार जानने के बाद ही फिल्म को यू/ए प्रमाण पत्र दिया गया है।
प्रकाश झा ने आयोग के समक्ष फिल्म को प्रदर्शित करने से इंकार करते हुए कहा था कि वह रिलीज होने से पहले फिल्म का प्रदर्शन केवल केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष करेंगे।
प्रकाश झा ने कहा था, ‘‘देश का कानून उन्हें फिल्म का प्रदर्शन केवल केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष करने के बारे में बताता है।’’ इस फिल्म को देखने वाली सेंसर बोर्ड की समिति में विवादास्पद माने जाने वाले क्षेत्रों के प्रतिनिधियों समेत समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल थे।
फिल्म में अहम भूमिका निभा रहे अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘‘सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने आरक्षण देखी। उन्होंने बिना एक भी दृश्य काटे सर्वसम्मति से इस फिल्म को ‘यू ए’ प्रमाणपत्र दे दिया।’’
अमिताभ के मुताबिक, इस फिल्म को देखने वाली समिति संभवत: सेंसर बोर्ड की अब तक की सबसे बड़ी समिति थी, जिसमें कई गणमान्य लोग, समितियों और आयोगों के सदस्य शामिल थे।(भाषा)