अमिताभ ने अपनी कविता में कहा, 'बहुतेरे इलाज बतावैं, जन जनमानस सब। केकर सुनैं केकर नाहीं कौन बाताई ई सब। क्येऊ कहेस कलौंजी पीसौ, केऊ आंवला रस। केऊ कहेस घर मां बैठओ हिलो न टस से मस। ईर कहिन औ बीर कहिन कि अइसा कुछ भी करौ ना। बिन साबुन के हाथ धोइ के, केऊ के भैया छुअव ना। हम कहा चलौ हमहू कर देत हैं जैसन बोलैं सब। आवै देव कोरोना फिरौना ठेंगवा देखाउब तब।'