फिल्म में अर्जुन का नाम प्रभात है। ये रवींद्र कौशिक नाम के एक जासूस की सच्ची कहानी है। कौशिक रंगकर्मी रहे। लखनऊ में इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने उन्हें नाटक का मंचन करते देखा था। उन्हें दिल्ली में दो साल की ट्रेनिंग दी गई और बाद में रॉ ने उन्हें 23 साल की उम्र में पाकिस्तान भेजा, नबी अहमद शाकिर बना कर।
कौशिक ने वहां की एक लड़की से शादी कर ली और पहले पाकिस्तानी आर्मी में क्लर्क बने और फिर मेजर। वर्ष 1972 से 1983 तक कौशिक ने भारतीय ख़ुफ़िया अधिकारियों को कई बड़ी जानकारियां दीं। बाद में पाकिस्तानी सेना ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। कौशिक का 47 साल की उम्र में पाकिस्तान की जेल में निधन हो गया। उन्होंने बिना एक भी गोली चलाए कुख्यात आतंकी को पकड़वाया था।
राजकुमार गुप्ता ने कौशिक की माँ और भाई से मिली जानकारी के आधार पर ये स्क्रिप्ट लिखी है और आधिकारिक राइट्स भी लिए हैं। इंडियाज मोस्ट वांटेड के बारे में राजकुमार गुप्ता ने बताया था कि वह लंबे समय से इस फिल्म की कहानी पर काम कर रहे थे। उन्होंने तीन साल से लगातार इस पर काम किया और फिल्म की कहानी उन्हें काफी इंस्पायरिंग लगी। यही वजह है कि वह फिल्म की कहानी को लेकर आगे बढ़े।