दरअसल घर में जंगलवासियों को एक टास्क दिया गया है औऱ इसी दौरान घरवाले हिंसक हो जाते हैं जिसमें शमिता को हल्की चोट पहुंचती है। इस टास्क में जय भानुशाली और प्रतीक सहजपाल के बीच एक भयंकर लडाई देखने को मिली। प्रतीक जय से कहते हैं कि शमिता को बहुत चोट लगी है और अगर वह बाहर होते तो वह उसे बता देते। जिस पर जय प्रतीक से कहते हैं कि अगर उसमें हिम्मत है तो वह उन्हें छूकर दिखाए।
तभी जय, प्रतीक को मां की गाली देते है। इसके बाद प्रतीक सहजपाल अग्रेसिव हो जाते हैं और जय को उन्हें गाली नहीं देने की चेतावनी देते हैं। प्रतीक सहजपाल जय को गवार और जाहिल कहते हैं। इसके बाद, प्रतीक अपने आप पर नियंत्रण खो देते हैं, और रोने लगते हैं और खुद को चोट पहुंचाते हैं।