कान, कैन और कांस, क्या है Cannes का सही उच्चारण, जानिए फिल्म फेस्टिवल से जुड़ी रोचक जानकारियां

WD Entertainment Desk

रविवार, 18 मई 2025 (15:31 IST)
सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में शुमार कान फेस्टिवल का आगाज हो चुका है। इस फेस्टिवल के रेड कारपेट पर वॉक करना हर सितारे का सपना होता है। वहीं दुनियाभर की फीचर और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की स्क्रीनिंग इस फेस्टिवल में होती है। आइए हम आपकों इस फेस्टिवल से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं। 
 
सबसे पहले हम बताते हैं Cannes को लिखते और बोलते कैसे हैं। अंग्रेजी में इसे Cannes लिखते हैं, लेकिन हिंदी में इसे कान या कैन बोला जाता है। कांस नहीं? क्योंकि यह एक फ्रेंच भाषा का शब्द है और कई जगहों पर एस साइलेंट होता है। इसलिए इसे कान या कैन बोलते हैं। 
 
कैसे शुरू हुआ था यह फेस्टिवल 
कान फिल्म फेस्टिवल को हिटलर और मुनोलिनी की मनमानी के खिलाफ शुरू किया गया था। 1932 में दुनिया का पहले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 'वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल' की शुरुआत हुई। ये इटली में शुरू हुआ था। लेकिन उस समय इटली में तानाशाही चलती थी, जिसका नाम मुनोलिनी था। वो हिटलर का पक्का दोस्त था। इस फेस्टिवल में उसकी ही मर्जी ही चलती थी। 
 
इसलिए फ्रांस ने खुद का फिल्म फेस्टिवल चालू करने का फैसला किया। इसकी घोषणा 1939 में पेरिस में हुई थी। इसे 1 सितंबर को शुरु होना था। सब तैयारी हो चुकी थी। लेकिन इसी बीच दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया। जब यह विश्व युद्ध खत्म हुआ इसके बाद 20 सितंबर 1946 को पहली बार कान फिल्म फेस्टिवल हुआ। ये फेस्टिवल फ्रांस के कान शहर में होता है। जो हर साल मई के महीने में आयोजित होता है।
 
खाने पर खर्च होते हैं करोड़ों 
कान में आए मेहमानों के खाने पर ही करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। खबरों के अनुसार कान का Barrière Le Majestic होटल ओपनिंग और क्लोजिंग इवेंट के लिए डिनर की जिम्मेदारी उठाता है। जिस परकरीब 2.8 करोड़ रुपए खर्च आता है। बताया जाता है कि दुनिया की छठी सबसे महंगी वाइन यहां मेहमानों को सर्व होती है। 
 
हील्स के बिना रेड कारपेट पर एंट्री नहीं
कान फिल्म फेस्टिवल में साल 2015 में एक रूल बनाया गया था। अगर कान के रेड कारपेट पर कोई हसीना हील्स पहनकर वॉक नहीं करेगी, तो उसकी एंट्री बैन हो जाएगी। इस रूल के विरोध मे हॉलीवुड की कई एक्ट्रेस ने कारपेट पर ही हील्स उतारकर विरोध जताया था।
 
कान का सबसे बड़ा अवॉर्ड 
कान फिल्म फेस्टिवल का सबसे बड़ा अवॉर्ड पाम डी'ओर है। जिसे 1955 में फेस्टिवल कमेटी ने लॉन्च किया था। इस अवॉर्ड को 18 कैरेट येलो गोल्ड और एमराल्ड कट डायमंड से बनाया जाता है। खबरों के अनुसार इस ट्रॉफी की कीमत 18 लाख रुपए है।
 
पैपराजी पर भी कई रूल्स लागू 
कान फेस्टिवल में पैपाराजी को भी कई रूल फॉलो करना पड़ते हैं। उन्हें ड्रेस कोड के बिना वेन्यू में एंट्री नहीं मिलती है। पैपराजी ब्लैक टक्सीडो, टाई या बो और फॉर्मल शूज पहनकर ही सेलेब्स की तस्वीरें क्लिक करने आ सकते हैं। 
 
हर दिन इतनी बार बदलता है रेड कारपेट 
कान फिल्म फेस्टिवल में फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले रेड कारपेट पर कौन सा सेलेब्स क्या पहनकर आया है और किसका लुक सबसे शानदार है, ये चर्चा में बना रहता है। सेलेब्स इवेंट से पहले दिन भर 2 किलोमीटर लंबे रेड कारपेट पर वॉक करते हैं। इस कारपेट को साफ सुथरा रखने के लिए दिन में 3 बार बदला जाता है। 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी