कोरोना वायरस की वजह से बदल सकता है सिनेमाघरों में फिल्म देखने का एक्सपीरियंस
सोमवार, 11 मई 2020 (10:39 IST)
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की हालत खस्ता कर दी है। कोरोना वायरस ने जब से भारत में कदम रखा और उसके बाद से स्थिति बिगड़ती ही चली जा रही है। देश में लगभग दो महीने से लॉकडाउन है, जिससे बाकी इंडस्ट्रीज की तरह बॉलीवुड और दूसरी फिल्म इंडस्ट्री को भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सबसे पहले सरकार के आदेशों पर सिनेमाघरों को बंद किया गया जिससे कि फिल्मों की रिलीज टल गई। उसके बाद लॉकडाउन के कारण शूटिंग और प्रॉडक्शन का काम भी पूरी तरह रुक गया है। पूरे देश में लगभग 9600 स्क्रीन हैं जो पूरी तरह से बंद हैं। सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग में रहने को कह रही हैं, ऐसे में सिनेमाघरों के जल्द दोबारा खुलने की कोई उम्मीद नहीं है। यह भी माना जा रहा है कि दोबारा सिनेमाघर खोलने पर भी दर्शकों के लौटने में काफी वक्त लग सकता है।
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने लॉकडाउन के पीरियड में पूरी तरह किराया और बिल्डिंग के मेंटेनेंस चार्ज माफ करने के लिए कहा है। मल्टीप्लेक्स मालिकों के पास इस समय इतने पैसे भी नहीं हैं कि वे अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक दे सकें। सिनेमाघर मालिक अपने स्टाफ को निकाल भी नहीं सकते हैं क्योंकि रखरखाव के लिए उनका रहना जरूरी भी है।
वहीं मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से सिनेमा हॉल खोलने के लिए नए निर्देश बनाए गए हैं। इसके तहत राज्यों की सरकार से बातचीत की जा रही है। बताया जा रहा है कि सिनेमा हॉल की पूरी सूरत बदलने जा रही है। बैठने की व्यवस्था से लेकर सिनेमा हॉल में एंट्री के दौरान होने वाली जांच, सब नए अंदाज में होगा। इसकी तैयारी मल्टीप्लेक्स की तरफ से शुरू हो गई है।
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के मुताबिक सिनेमा हॉल से प्रतिमाह 1500 करोड़ रुपए का कलेक्शन आता है। इस हिसाब से पिछले डेढ माह में 2250 करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हो चुका है। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के मुताबिक सिनेमा हॉल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमों के मुताबिक सामाजिक दूरी का पूरा पालन होगा। दो सीट के बीच गैप का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सीटिंग व्यवस्था बदल जाएगी। डिजिटल बुकिंग होगी। एक-दूसरे के बगल में बैठकर सिनेमा नहीं देख सकेंगे। बॉक्स ऑफिस पर एक मीटर का ग्लास बैरियर बना दिया जाएगा।
वाशरूम में भी इस प्रकार की दूरी का ख्याल रखा जाएगा। नए नियम के तहत सिनेमा हॉल में कम से कम संपर्क की व्यवस्था होगी। एंट्री प्वाइंट पर चेकिंग हाथ वाली मेटल डिटेक्टर मशीन से नहीं होगी। इसकी जगह बिना संपर्क वाली स्कैन मशीन ले लेगी। पेप्सी, पॉपकार्न सबकुछ पैक्ड मिलेंगे। इसके भुगतान क्यूआर कोड से करना होगा या डिजिटल रूप में।
सिनेमा हाल के हर प्वाइंट पर सैनिटाइजर होगा। हॉल को अल्ट्रा लो वौल्यूम (यूएलवी) सैनिटेशन प्रोसेस से सैनिटाइज किया जाएगा। इससे 30 दिनों के लिए एंटी बैक्टेरियल लेयर बन जाते हैं। सभी दरवाजे व हैंडल पर एंटी बैक्टीरियल फिल्म लगाई जाएंगी। सिनेमा हॉल के सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उनके बुखार व स्वास्थ्य की रोज जांच होगी। आने वाले दर्शकों को भी स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। इतना तो तय है कि कोरोना के बाद दर्शकों का सिनेमा देखने का एक्सपीरियंस पूरी तरह बदल सकता है।