कबीर के अनुसार सिद्धार्थ प्रतिभाशाली था, लेकिन वह कुछ सोच नहीं पा रहा था। एक बार वह मांट्रियल की सड़कों पर हिंसक हो गया था और उसे पुलिस ने पकड़ लिया था। जब डॉक्टर के पास उसे ले गए तो पता चला कि वह सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त हैं।
कबीर के अनुसार उन्होंने सिद्धार्थ का इलाज भी कराया, लेकिन वह धीरे-धीरे उदासी की ओर बढ़ने लगा। सभी ने कोशिश की वह बीमारी से उबर जाए, लेकिन एक दिन सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली।