कबीर सिंह या तो खूब पसंद आ रही है या सख्त नापसंद। इस फिल्म को एक ओर जहां घोर महिला विरोधी, अश्लील और यौन जुगुप्सा भरे शर्मनाक संवादों वाली बताया जा रहा है तो दूसरी ओर इस फिल्म को पसंद करने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है। वे कबीर सिंह की हर हरकत पर तालियां पीट रहे हैं और सीटियां बजा रहे हैं। इसका सबूत फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार प्रदर्शन है।
फिल्म को लेकर कुछ क्रिटिक्स ने तीखी आलोचना की है, लेकिन दूसरी ओर ज्यादातर दर्शक इस फिल्म को मनोरंजक मान रहे हैं जिसमें महिलाओं को महज पैर की जूती माना गया है और इसे प्रेम तथा समर्पण का नाम दिया गया है।