कंगना ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना नेता के खिलाफ बोलने के चलते की गई है। यही पार्टी नगर पालिका को देख रही है, लिहाजा इसने तोड़फोड़ के अधिकार का गलत इस्तेमाल किया है।
कोर्ट में दी अर्ज़ी में कंगना ने दलील दी है कि उन्होंने अपना ऑफिस बनाने के लिए बकायदा बीएमसी से परमिशन ली थी। 2018 में इजाजत मिलने के बाद उन्होंने ऑफिस में बदलाव किए थे। लेकिन बीएमसी ने कुछ दिन पहले उनके ऑफिस को अवैध निर्माण कहकर गिरा दिया। इस गैर कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें मुआवजे के तौर पर दो करोड़ बीएमसी की तरफ से दिए जाएं।
बता दें कि सुशांत सिंह मौत केस में जांच को लेकर मुंबई पुलिस पुलिस की आलोचना करने के बाद से कंगना महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर है। उन्होंने मुंबई को पाकिस्तान से कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान से तुलना की थी, जिसके बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।