बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह अपनी एक्टिंग के साथ-साथ अपने बेबाक बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। अब नसीरुद्दीन शाह ने लव जिहाद के खिलाफ बन रहे कानूनों पर निशाना साधा है। उन्होंने 'लव जिहाद' के नाम पर संप्रदायों के बीच विवाद खड़ा किए जाने पर सख्त आपत्ति जताई है। इसके लिए नसीर ने खुद रत्ना पाठक के साथ अपनी शादी का ही उदाहरण दिया है।
एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में नसीर ने कहा, 'लव जिहाद' के नाम पर हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाई जा रही है। मुझे इस बात से बहुत नाराजगी है कि किस तरह लोगों को बांटा जा रहा है जैसे यूपी में लव जिहाद का तमाशा। पहली बात, जिन लोगों ने यह शब्द गढ़ा है उन्हें जिहाद शब्द का मतलब ही नहीं पता है। मुझे समझ में नहीं आता है कि कोई इतना मूर्ख कैसे हो सकता है कि यह सोच ले कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी।'
उन्होंने कहा, 'मैंने जब रत्ना पाठक से शादी की तो मेरी मां ने मुझसे पूछा कि क्या मैं अपनी होने वाली पत्नी का धर्म भी परिवर्तन करने वाला हूं? नसीर आगे कहते हैं कि, 'मैंने अपनी मम्मी को ना में जवाब दिया था। मेरी मम्मी अनपढ़ हैं और रुढ़ीवादी घर से ही है। इसके बावजूद वह दूसरे के धर्म परिवर्तन के सख्त खिलाफ थी।'
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि, 'मेरी मम्मी ऐसे परिवार से आती थीं जो दिन में पांच बार नमाज पढ़ता था। उन्होंने अपना पूरी जिंदगी रोजा रखा है। इसके अलावा हज भी किया है। उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हें बचपन से जो सिखाया है क्या वह अब बदल सकती है? ये बिल्कुल भी सही नहीं है कि किसी का भी धर्म परिवर्तन किया जाए।'