Elvish Yadav case: फेमस यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 विनर एल्विश यादव इन दिनों विवादों में घिरे हुए हैं। एल्विश पर जहरीले सांपों की तस्करी करने और गैर कानूनी तरीके से रेप पार्टी करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में एल्विश समेत 6 लोगों के खिलाफ मेनका गांधी की संस्था द्वारा केस भी दर्ज कराया गया है।
इस मामले में मंगलवार को नोएडा पुलिस ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। वहीं देर रात सेक्टर 20 थाने में एल्विश से करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई। एल्विश रात करीब 2 बजे अपने सात वकीलों के साथ थाने पहुंचे थे। पुलिस ने इस केस में उनसे सवाल जवाब किए। पूछताछ के बाद एल्विश को जाने दिया गया।
एल्विश यादव से डीसीपी और एसीपी लेवल के अधिकारियों ने पूछताछ की। अब पुलिस एल्विश और राहुल को आमने सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है। नोएडा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया, यादव जांच में शामिल हुए। फिर उनसे करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई और छोड़ दिया गया।
इस मामले में गिरफ्तार पांच लोगों की हिरासत के लिए पुलिस पहले ही आवेदन कर चुकी है। पांचों लोगों को तीन नवंबर को सेक्टर-51 के एक बैंक्वेट हॉल से गिरफ्तार किया गया था और उनके कब्जे से पांच कोबरा सहित नौ सांपों को बचाया गया था। उनके कब्जे से 20 मिलीलीटर सांप का संदिग्ध जहर भी जब्त किया गया था।
पुलिस उपायुक्त जोन प्रथम हरिश चंदर ने बताया कि एल्विश को पूछताछ के लिए आज दोबारा बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि एल्विश से मिली जानकारी के आधार पर वैज्ञानिक विधि और अन्य साक्ष्यों के आधार पर इस मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस ने कहा कि एल्विश यादव पार्टी हॉल में मौजूद नहीं थे हालांकि सांप के जहर के इस्तेमाल के पूरे मामले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है, जिसका खुलासा पशु अधिकार समूह पीएफए (पीपुल्स फॉर एनिमल्स) ने किया था।
अधिकारी के अनुसार एल्विश से पुलिस उपायुक्त हरिश चंदर, अपर पुलिस उपायुक्त शक्ति मोहन अवस्थी, सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा, थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक डी.पी. शुक्ला, सहित पुलिस के कई अधिकारियों ने पूछताछ की।
इस बीच वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जहरीले सांपों को सूरजपुर स्थित जंगल में छोड़ दिया गया है। बरामद नौ सांपों का सोमवार को वन विभाग के डाक्टरों ने मेडिकल टेस्ट किया था। दरअसल, ये सभी सांप एल्विश यादव मामले का अहम सबूत है। इस कारण सभी सांपों का मेडिकल परीक्षण करना जरुरी था। वन विभाग ने अदालत के सामने सांपों को छोड़ने की अर्जी पेश की थी। अदालत के आदेश पर सभी सांप जगल में छोड़ दिए गए।