मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने राज कुंद्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, महिलाओं का अभद्र तरीके से चित्रण (रोकथाम) कानून और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की संबंधित धाराओं के तहत अश्लील वीडियो कथित रूप से वितरित, प्रसारित करने के लिए मामला दर्ज किया था।
इस मामले में राज कुंद्रा, पूनम पांडे और शर्लिन चोपड़ा समेत कुल 6 लोगों ने अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी। राज कुंद्रा ने इस मामले में हाईकोर्ट को जवाब देते हुए कहा था कि वीडियो कामुक हो सकते हैं लेकिन सेक्सुअल गतिविधि को नहीं दिखाते हैं।
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद राज कुंद्रा ने यह दावा करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया कि उन्हें मामले में फंसाया गया है। राज कुंद्रा के वकीलों ने कहा कि सह-आरोपी के रूप में नामजद अभिनेत्रियों ने वीडियो शूट करने के लिए पूरी सहमति दी थी और कुंद्रा किसी भी तरह से कथित अवैध वीडियो के निर्माण, प्रकाशन या प्रसारण से जुड़े नहीं थे।