एक इंटरव्यू के दौरान रवि किशन ने कहा, जब उन्होंने पड़ोस की रामलीला में परफॉर्म करना शुरू किया तो उनके पिता हैरान रह गए थे। वह अक्सर इसके लिए उन्हें सजा देते थे। यह कलह इस हद तक बढ़ गई कि रवि को अपने पिता के गुस्से और शारीरिक शोषण के कारण 17 साल की उम्र में घर छोड़ना पड़ा था।
रवि किशन ने कहा, मेरे पिता मुझे बहुत बुरी तरह से पीट रहे थे और वह मुझे हथौड़े से मार रहे थे। वह मुझे मारना चाहते थे और मेरी मां को पता था कि उनके पति मुझे मार सकते हैं और वह इसमें जरा भी संकोच नहीं करेंगे क्योंकि पुजारियों की भावनाएं ना के बराबर होती है। इसलिए उन्होंने कहा भाग जाओ।
उन्होंने कहा, वह एक पुजारी थे और ब्राह्मण होने के नाते वह हमेशा चाहते थष कि मैं खेती करूं या पुजारी बनूं या कोई सरकारी नौकरी करूं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके परिवार में कोई कलाकार पैदा हो सकता है। इसलिए रामलीला में डांस करना या सीता का किरदार निभाना उनके लिए थोड़ा चौंकाने वाला था।
रवि ने बताया कि वह अपनी जेब में केवल 500 रुपये लेकर भाग गए और मुंबई के लिए ट्रेन में चढ़ गए थे। रवि किशन ने यह भी बताया कि समय के साथ उनका परिवार उनसे बहुत खुश था, क्योंकि अभिनय में उनके करियर ने उन्हें बहुत पैसा दिया।
रवि किशन ने कहा, हालांकि अब मेरा मानना है कि उनके पिता सही थे। मैं बचपन से ही स्पष्ट था कि मैं बिना पहचान के मृत्यु नहीं चाहता। हर कोई एक कारण के साथ पैदा होता है और मेरे कारण ने मुझे 'रवि किशन' बनाया है।