इस गाने की शूटिंग के दौरान ऋषि कपूर और पद्मिनी कोल्हापुरे ट्रेन के ऊपर शूट कर रहे थे। गर्मी बहुत थी, पर दोनों स्टार्स ने हार नहीं मानी और अपना बेस्ट शॉट देने की कोशिश करते रहे। तभी अचानक पद्मिनी के स्कार्फ में आग लग गई और ऋषि ने एक असली हीरो की तरह उनकी ओर भागना शुरू कर दिया और उन्हें बचा लिया।
इसके अलावा साल 1982 में फिल्म 'प्रेम रोग' के सेट पर भी बड़ी दुर्घटना हो गई थी। दरअसल, 'प्रेम रोग' के सेट पर आग लग गई थी। वहां भी ऋषि कपूर ने पद्मिनी कोल्हापुरे की जान बचाई थी। फिल्म 'प्रेम रोग' में भी ऋषि और पद्मिनी की जोड़ी थी।
पद्मिनी कोल्हापुरे का जन्म 01 नवंबर, 1965 को एक मध्यम वर्गीय कोंकणी परिवार में हुआ। उनके पिता पंढरीनाथ कोल्हापुरे शास्त्रीय गायक थे जबकि उनकी मां एयरलाइंस में काम किया करती थीं। घर में संगीत का माहौल रहने के कारण पद्मिनी कोल्हापुरीका रुझान भी संगीत की तरफ हो गया और वह अपने पिता से संगीत सीखने लगीं।
साल 1973 में रिलीज फिल्म 'यादों की बारात' में उन्हें गाने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनकी आवाज में रचा बसा यह गीत 'यादो की बारात निकली है आज दिल के द्वारे' श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इसके बाद उन्होंने किताब, दुश्मन, दोस्त जैसी फिल्मों में भी अपनी बहन शिवांगी के साथ पार्श्वगायन किया।