उन्होंने बताया कि शॉन पेन ने प्रेस ब्रीफिंग में हिस्सा लिया, उप प्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक से मुलाकात की और पत्रकारों व सैन्य कर्मियों से रूसी आक्रमण के बारे में बात की। शॉन पेन ने वो साहस दिखाया जिसकी दूसरों में खासतौर पर पश्चिमी राजनेताओं में कमी है।