दोनों कलाकार, सुप्रिया पिलगांवकर और शाहीर शेख के बीच ऑफ-स्क्रीन भी एक खास रिश्ता है। जहां उनके किरदारों के लिए एक 'परफेक्ट फैमिली' का मतलब काफी अलग है, वहीं असल जिंदगी में, दोनों इसे लेकर एक जैसी सोच रखते हैं।
सुप्रिया पिलगांवकर कहती हैं, मुझे लगता है कि हर परिवार अपने अधूरे तरीकों से पूरा होता है। परिवार एक ऐसी चीज है, जिसमें हर सदस्य की अपनी विचारधाराएं और मान्यताएं होती हैं। वे हर बात पर सहमत हों या न हों… लेकिन, प्यार, विश्वास और सम्मान ही उन्हें एक साथ बांधता है और एक दूसरे के करीब लाता है। वो मेरे लिए एक आदर्श परिवार है।
उन्होंने कहा, 'कुछ रंग प्यार के ऐसे भी' में कहानी को जिस तरह से बताया गया है, वह मुझे व्यक्तिगत रूप से पसंद है, क्योंकि यह किरदारों की खामियों और असुरक्षाओं को खूबसूरती से उजागर करती है, जो अपने-से लगते हैं। हमारा कोई भी किरदार परफेक्ट नहीं है और शायद यही वजह है कि लोग इन किरदारों से काफी हद तक जुड़ जाते हैं।
शाहीर शेख कहते हैं, हर परिवार का खुद को व्यक्त करने का अपना अनूठा तरीका होता है – चाहे वह व्यक्तिगत रूप से हो या सामूहिक रूप से। लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि आपसी सम्मान और विश्वास एक ऐसी चीज है, जिससे कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
शाहीर ने कहा, यह एक परिवार को परफेक्ट बनाता है, चाहे इसके सदस्यों में कितनी ही कमियां क्यों न हों। यही बात शो में हमारे किरदारों को भी खास बनाती है। जहां व्यक्तिगत रूप से उनकी अपनी सोच हैं - वे एक-दूसरे पर बिना शर्त भरोसा करते हैं और एक-दूसरे का सम्मान भी करते हैं।