यह कैंपेन जंगल और यहां के जीव जंतुओं के लिए काम कर रहा है। दो मिनिट की शॉर्ट फिल्म 'आई एम द फॉरेस्ट' में भारत के जंगल और यहां रहने वाले जानवर दिखाए जाएंगे। इस फिल्म में सुष्मिता जंगल और इंसानों के बीच न टूट सकने वाले रिश्ते के बारे में एक खास संदेश देती नजर आएंगी। यह संदेश कविता के रूप में हर्षल शेटे ने तैयार किया है।
सोशल एक्सेस के फाउंडर (संस्था जो 'वाइल्ड एट हार्ट फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ कंसर्वेशन कैंपेन' का समर्थन कर रही है) लेन डीसूजा ने कहा कि सुष्मिता का इसमें शामिल होना बहुत खास रहा है। उन्हें जंगल से प्यार है। सुष्मिता को इस कैंपेन से जोड़ने के कारण के तौर पर डीसूज़ा कहते हैं कि सुष्मिता के बढ़िया इंसान होने के साथ साथ जानवरों और इंसानों के रिश्ते पर सही सोच रखती हैं और इसे खुलेतौर पर बता भी सकती हैं।