सुबह डाइट फूड, रात को ड्रग्स! पहलाज निहलानी का बॉलीवुड पर तगड़ा वार, अक्षय कुमार को भी घेरा

WD Entertainment Desk

शनिवार, 5 जुलाई 2025 (15:16 IST)
फिल्ममेकर और पूर्व सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी ने बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे छुपे काले सच को उजागर किया है। एक यूट्यूब चैनल Learn From The Legend पर बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आज के एक्टर्स न केवल फिल्म की कास्टिंग में दखल देते हैं, बल्कि डायरेक्टर चुनने तक में हस्तक्षेप करते हैं।
 
पहलाज निहलानी ने 2003 की फिल्म 'तलाश: द हंट बिगिन्स' के समय का एक किस्सा शेयर किया, जब अक्षय कुमार ने करीना कपूर को लीड रोल में लेने की जिद की थी। उन्होंने कहा, 'पहले कास्टिंग प्रोड्यूसर और डायरेक्टर तय करते थे, लेकिन पहली बार किसी हीरो ने मुझसे कास्टिंग में दखल दिया।'
 
उन्होंने कहा, अक्षय ने मुझसे कहा था, ‘हम फिल्म कल से शुरू कर सकते हैं, पैसे तुम जितने मांगो उतने ले लो, लेकिन हीरोइन करीना ही होगी।’ उस वक्त यह फिल्म 22 करोड़ रुपए की लागत से बन रही थी, जो उस समय बहुत बड़ी रकम थी।'
 
निहलानी का मानना है कि जैसे-जैसे अभिनेता उम्रदराज होते जाते हैं, वे अपने से कहीं छोटी उम्र की हीरोइनों के साथ काम करने की कोशिश करते हैं ताकि खुद की उम्र कम लगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब तो अभिनेता सब कुछ तय करते हैं और निर्माता केवल कोरियर बॉय बनकर रह गए हैं।
 
6 वैनिटी वैन, 1.5 लाख के बिल और ड्रग्स – निहलानी का बॉलीवुड पर आरोप
पहलाज निहलानी ने आज के कलाकारों की ‘बढ़ती चोंचलेबाज़ी’ पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पहले एक मेकअप मैन होता था, लेकिन अब हर कलाकार के साथ बाल बनाने वाला, शीशा पकड़ने वाला और जाने क्या-क्या लोग होते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, पहले एक वैनिटी वैन होती थी, अब एक्सरसाइज के लिए एक, मीटिंग्स के लिए एक, खाना पकाने के लिए एक – कुल मिलाकर छह वैनिटी वैन मांगी जाती हैं।
 
निहलानी ने यह भी कहा कि आज के कलाकारों की लाइफस्टाइल बेहद दिखावटी और खर्चीली हो चुकी है। उन्होंने कहा, अब वे घर का खाना नहीं लाते, डाइट फूड मांगते हैं। और रात में ड्रग्स चाहिए। एक्टरों को शर्म आनी चाहिए जो ऐसी मांगे करते हैं।
 
पहलाज निहलानी की यह बेबाक बातचीत न केवल बॉलीवुड की आज की हकीकत को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे समय के साथ फिल्म इंडस्ट्री की कार्यशैली बदल चुकी है। बड़े सितारे अब केवल परफॉर्मर नहीं, बल्कि फिल्म निर्माण की पूरी प्रक्रिया पर हावी हो गए हैं — और इसके पीछे की हकीकत उतनी ग्लैमरस नहीं जितनी परदे पर दिखती है।

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